दुश्मन देशों के सहयोगी देशों को आर्थिक नुकसान पहुंचाएंगे भारतीय व्यापारी: संजय गुप्ता


लखनऊ | फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के बैनर तले शुक्रवार, 16 मई को दिल्ली के “द ललित होटल” में आयोजित होने जा रही नेशनल कॉन्फ्रेंस में देशभर के शीर्ष व्यापारी नेता एकजुट होंगे। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में दुश्मन देश पाकिस्तान को समर्थन देने वाले देशों—तुर्की और अज़रबैजान—के साथ व्यापारिक रिश्ते समाप्त करने के फैसले पर चर्चा की जाएगी।

व्यापारिक बहिष्कार से तुर्की-अज़रबैजान को होगा अरबों डॉलर का नुकसान
उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मण्डल के प्रदेश अध्यक्ष और कैट के राष्ट्रीय संगठन मंत्री (उत्तर भारत) संजय गुप्ता ने बताया कि सम्मेलन में इन दोनों देशों के आयात-निर्यात को पूर्ण रूप से बंद करने का प्रस्ताव रखा जाएगा। उन्होंने स्पष्ट कहा, “दुश्मन देश का साथ देने वाले देशों को भारत के व्यापारी दुश्मन देश के रूप में लेंगे और उन्हें आर्थिक रूप से चोट पहुंचाने की पूरी तैयारी करेंगे। ताकि भविष्य में कोई देश पाकिस्तान का सहयोग करने की हिम्मत न करे।”

भारत-तुर्की व्यापार आंकड़ों पर नजर
संजय गुप्ता ने जानकारी दी कि अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के बीच भारत ने तुर्की को 5.2 अरब डॉलर का निर्यात किया, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा 6.65 अरब डॉलर था। वहीं तुर्की से आयात 2.84 अरब डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष 3.78 अरब डॉलर था।

भारत-अज़रबैजान व्यापार
उसी अवधि में भारत ने अज़रबैजान को मात्र 86.07 मिलियन डॉलर का निर्यात किया, जबकि 2023-24 में यह 89.67 मिलियन डॉलर था। आयात की बात करें तो भारत ने अज़रबैजान से 1.93 मिलियन डॉलर का आयात किया, जो पिछले वर्ष 0.74 मिलियन डॉलर था।

किन वस्तुओं का हो रहा है आयात-निर्यात
भारत से तुर्की को रिफाइंड पेट्रोलियम, मोटर वाहन, स्टील, रसायन, दवाएं, कीमती पत्थर और वस्त्र जैसे उत्पाद निर्यात होते हैं। वहीं तुर्की से भारत को कच्चा पेट्रोलियम, मशीनरी, मार्बल, फल, प्लास्टिक और वस्त्र आयात किए जाते हैं।
भारत से अज़रबैजान को तंबाकू, इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाएं, मशीनरी और अनाज आदि निर्यात होते हैं जबकि वहां से खनिज तेल, कच्ची खालें, एल्यूमिनियम और कॉटन जैसे उत्पाद भारत आते हैं।

विदेशी ई-कॉमर्स के खिलाफ भी होगी सख्ती
नेशनल कॉन्फ्रेंस में विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा भारतीय रिटेल व्यापार को खत्म करने की साजिशों पर भी चर्चा होगी और इसके विरुद्ध ठोस कदम उठाने पर निर्णय होगा।

“हमारा व्यापारिक बहिष्कार झकझोर देगा” – संजय गुप्ता
संजय गुप्ता ने दो टूक कहा, “यदि भारतीय व्यापारी इन देशों का बहिष्कार करते हैं तो यह उनके लिए बड़ा आर्थिक झटका होगा। उन्हें भारत के खिलाफ खड़े होने की कीमत चुकानी पड़ेगी।”
उन्होंने कहा कि इस अभियान का असर तुर्की के स्टोन, माइनिंग, फर्नीचर, वस्त्र और खाद्य प्रसंस्करण जैसे उद्योगों पर भी पड़ेगा।

कैट की यह रणनीति आने वाले समय में भारत की व्यापारिक शक्ति को एक राष्ट्रीय नीति के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।