
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एसोचैम द्वारा आयोजित एमएसएमई सम्मेलन में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों से जुड़े विभिन्न विषयों पर सरकार और इंडस्ट्री से जुड़े प्रतिनिधियों के बीच संवाद का सशक्त मंच बना। इस अवसर पर प्रदेश सरकार में स्वतंत्र प्रभार मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने सम्मेलन में भाग लेने आए एमएसएमई प्रतिनिधियों और अन्य प्रतिभागियों से सीधा संवाद किया। उन्होंने उद्यमियों की समस्याएं सुनीं और मंच से ही उनके समाधान सुझाए। मंत्री ने माना कि वर्तमान में छोटे उद्योगों के लिए व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा चुनौतीपूर्ण अवश्य है, लेकिन राज्य सरकार सिंगल विंडो सिस्टम, सब्सिडी जैसी सुविधाओं के जरिए इन कठिनाइयों को दूर करने के प्रयास कर रही है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर तभी सृजित होंगे जब स्किल डेवलपमेंट औद्योगिक जरूरतों के अनुरूप होगा।

सम्मेलन में शिक्षा जगत से जुड़े विशेषज्ञों ने भी अपने विचार साझा किए। मेधावी स्किल यूनिवर्सिटी के एवीपी देवराज सेन गुप्ता ने स्किल गैप को दूर करने के लिए सरकार से स्किल ट्रेनिंग बढ़ाने की सलाह दी, वहीं सीए स्वीटी अग्रवाल ने ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभावान युवाओं तक स्किल चयन की प्रक्रिया पहुंचाने की आवश्यकता जताई।

इस अवसर पर इन्वेस्ट यूपी के एडिशनल सीईओ शशांक चौधरी ने सरकार द्वारा एमएसएमई सेक्टर के लिए उपलब्ध कराए गए विभिन्न प्लेटफॉर्म्स जैसे निवेश मित्र, निवेश सारथी, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, इन्वेस्ट यूपी, रामायण सर्किट, टूरिस्ट सर्किट और बुद्ध सर्किट आदि की जानकारी दी और बताया कि ये सभी पहलें राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत हैं। सम्मेलन में उद्योग, शिक्षा और सरकार के साझा प्रयासों से प्रदेश में आर्थिक और सामाजिक विकास की नई संभावनाएं सामने आती दिखीं।