अमर भारती : राजधानी दिल्ली में अब प्रदूषित आसानी से पता लगाया जा सकेगा। बता दें कि हर साल दिल्ली में हजारों लोग प्रदूषण की चपेट में आकर अस्पतालों में भर्ती होते हैं। जबकि कई लोगों की मौत तक के दावे किए गए हैं। लेकिन पहली बार एम्स में प्रदूषण की तकनीक को लेकर सेंटर स्थापित किया गया है। इसमें खास बात यह है कि हमारे शरीर कितना प्रदूषण है उसका पता लगाया जा सकता है।
बताया जा रहा है कि इस केंद्र में रक्त और यूरिन की जांच के आधार पर ही शरीर में मौजूद पीएम 2.5 और पीएम 10 के सूक्ष्म कणों के प्रभाव का पता लगाया जा सकेगा। इसी रिपोर्ट के अनुसार एम्स के डॉक्टर फिर मरीजों का सही इलाज कर सकेंगे।
गौरतलब है कि यहां पर वायू प्रदूषण के साथ-साथ भोजन और पानी के प्रदूषण को अध्ययन किए जा सकेंगे। साथ ही यहां जहरीले तत्वों या कीटनाशकों से जुड़ी दवाओं के दुष्प्रभाव की जांच भी हो सकेगी। इस सेंटर का नाम इकोटॉक्सिकोलॉजी रखा है। इस सेंटर में पानी और भोजन के अलावा वायु प्रदूषण से शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव इत्यादि पर अध्ययन किया जाएगा।
एम्स का दावा है कि अभी तक देश के किसी भी अस्पताल में इस तरह की तकनीक नहीं आई है। प्रदूषण के अलावा इस सेंटर में जहरीले तत्वों को लेकर भी उपचार तलाशा जाएगा। अब इससे दिल्ली के लोगों के काफी हद तक राहत मिल सकेगी क्योकि आज की तारीक में पूरे देश में सबसे ज्यादा प्रदूषण यही पर है और न जाने कितने ही लोग रोजना इसका शिकार हो रहे है।