#ह्यूस्टन। अमेरिका और चीन के संबंधों में बढ़ रहे तनाव के बीच ह्यूस्टन में चीनी वाणिज्य दूतावास शुक्रवार को आधिकारिक रूप से बंद हो गया।
विवादास्पद सुरक्षा कानून लागू
चीन के कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के तरीके, शिंजियांग में उइगर मुसलमानों पर उसकी कार्रवाई और हांगकांग में उसके द्वारा विवादास्पद सुरक्षा कानून लागू करने के कारण हालिया कुछ महीनों में दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।
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मीडिया में आई खबरों के अनुसार, अमेरिका ने चीन से ह्यूस्टन में अपने महावाणिज्य दूतावास को 72 घंटे में बंद को कहा था।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने आरोप लगाया कि यह दूतावास ‘‘जासूसी एवं बौद्धिक संपदा की चोरी का गढ़’’ है।
अमेरिका के शीर्ष अधिकारियों ने भी इस वाणिज्य दूतावास पर अमेरिका में चीन के ‘‘जासूसी अभियानों’’ में शामिल होने का आरोप लगाया है।
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ह्यूस्टन वाणिज्य दूतावास से चीन का झंडा उतार दिया गया है और अमेरिकी अधिकारियों ने इस इमारत को कब्जे में ले लिया है।
दूतावास बंद करने का आदेश
चीन के वाणिज्य दूतावास के कर्मियों को शुक्रवार को इमारत से अपना सामान ले जाते देखा गया और इमारत के बाहर करीब 30 प्रदर्शनकारियों को बैनरों के साथ जश्न मनाते देखा गया।
ह्यूस्टन पुलिस ने वाणिज्य दूतावास की इमारत के चारों ओर सुरक्षा कड़ी कर दी। इस इमारत में पिछले चार दशक से चीन सरकार का कार्यालय था।
ह्यूस्टन में चीनी वाणिज्य दूतावास बंद करने के अमेरिका के फैसले पर पलटवार करते हुए चीन ने शुक्रवार को चेंगदू स्थित अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास बंद करने का आदेश दिया।
इन कदमों से दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण चल रहे द्विपक्षीय संबंधों में तनाव और बढ़ गया है।