ब्लैक फंगस पर प्रहार : राज्यों को मिली एम्फोटेरीसीन-बी दवा

म्यूकर माइकोसिस के इलाज़ के लिए जरूरी है यह दवा

नई दिल्ली। देश में कोरोना के संकट के बीच म्यूकर माइकोसिस के मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। इसके इलाज में कारगर दवा एम्फोटेरिसिन बी की उपलब्धता को लेकर अब केन्द्र सरकार सक्रिय है। केंद्रीय रसायन व उर्वरक मंत्रालय ने जानकारी दी है कि राज्यों को एम्फोटेरिसिन बी की 19,420 और शीशियां उपलब्ध कराई गई है।

राज्यों को 19,420 शीशियां कराई गई उपलब्ध

मंत्रालय के मुताबिक, 24 मई को 22 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के साथ केंद्रीय संस्थानों को एम्फोटेरिसिन बी की कुल 19,420 शीशियां उपलब्ध कराई हैं। इससे पहले भी मंत्रालय ने 21 मई को राज्यों को 23,680 शीशियां उपलब्ध कराई थीं। इन राज्यों में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र समेत 22 राज्य शामिल हैं।

55 प्रतिशत मरीजों को डायबिटीज

एक दिन पहले ही स्वास्थ्य मंत्री ने बताया, म्यूकोर माइकोसिस के 55 प्रतिशत मरीजों को डायबिटीज है। ब्लैक फंगस के सबसे ज्यादा मरीज गुजरात में है, जिनकी संख्या 2,165 है, महाराष्ट्र में यह संख्या 1188 है। वहीं, उत्तर प्रदेश में 663, मध्यप्रदेश में 519, हरियाणा में 339, आंध्र प्रदेश में 248 मामले ब्लैक फंगस के दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ब्लैक फंगस से निपटने के लिए कई कदम उठा रही है।

उत्पादन बढ़ोत्तरी के लिए 5 कंपनियों को मिला लाइसेंस

हाल ही मंत्रालय ने एंटी फंगल दवा एम्फोरेटिसिन बी के उत्पादन के लिए पांच कंपनियों को लाइसेंस भी दिए हैं, जिनमें हैदराबाद स्थित नैटको फार्मास्यूटिकल, वडोदरा स्थित एलेंबिक फार्मास्यूटिकल, गुजरात स्थित गूफिक बायोसाइंस, पूणे स्थित एमक्योर फार्मास्यूटिकल और गुजरात स्थित लाइका को लाइसेंस दिया गया है। यह सारी कंपनियां जुलाई के महीने में एम्फोटेरिसिन बी की 1,11,000 शीशी का उत्पादन करेंगी। इसके अलावा सरकार इनका आयात भी कर रही है।

अन्य कारगर दवाओं पर भी विचार

वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार विदेश मंत्रालय की मदद से इस दवा की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए म्यूकोर माइकोसिस की अन्य कारगर दवाओं के आयात पर भी विचार किया जा रहा है।

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