‘पूर्व’ बंगाल भाजपा अध्यक्ष बने दिलीप घोष, पार्टी ने पद से निकाला

बंगाल प्रदेश अध्यक्ष से निकाल दिलीप घोष को दिल्ली बुलाया

डॉ सुकांत मजुमदार और दिलीप घोष (फाइल फोटो)

नई दिल्ली। बंगाल चुनाव में 77 सीटों पर सिमटने वाली भाजपा ने चुनावों के कुछ महीनों बाद अपना प्रदेश अध्यक्ष बदल दिया। दरअसल हाल ही में बंगाल चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी के बंगाल कुनबे की अध्यक्षता संभालने वाले दिलीप घोष को उनके पद से हटा दिया है। पार्टी ने यह फैसला पूर्व बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो का पार्टी छोड़ टीेएमसी में शामिल होने के दो दिन बाद लिया है। बंगाल चुनावों में सीटों में कई गुना सुधार करने वाली भाजपा की मुश्किलें चुनाव के बाद और बढ़ गई थी। जब पार्टी के सांसद और विधायक लगातार पार्टी छोड़ सत्तारूढ़ टीएमसी में शामिल हुए जा रहे थे। यह सिलसिला मुकुल रॉय के बीजेपी छोड़ टीएमसी में शामिल होने के बाद और तेज़ हुआ।

बीजेपी सांसद को सौंपी गई कमान

हालांकि दिलीप घोष की जगह अब भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर बंगाल के बालुरघाट से बीजेपी सांसद सुकांत मजूमदार को बंगाल इकाई प्रमुख का पद संभालने के लिए कहा गया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि से आने वाले डॉ. मजूमदार वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘दिलीप घोष ने बंगाल में एक मज़बूत विपक्षी दल के रूप में अपनी वर्तमान स्थिति में बीजेपी को आगे बढ़ाया है। उन्होंने इसके विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मैं वहाँ से पार्टी को आगे ले जाने की उम्मीद करता हूँ।’

दिलीप घोष को सौंपी नई जिम्मेदारी

दिलीप घोष का कहना है कि- “जेपी नड्डा ने कहा है कि मुझे राष्ट्रीय मंच पर ले जाया जा रहा है।” इसी बीच बीजेपी आलाकमान से उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद भी दे दिया गया। बताना होगा कि इससे पहले हाल ही में उत्तराखंड के राज्यपाल पद से इस्तीफा सौंपने वालीं नेता बेबी रानी मौर्य को भी पार्टी ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के तौर पर नियुक्ति की।

हाल ही में भाजपा सांसद ने छोड़ी पार्टी

चुनावों के बाद से भाजपा नेताओं का टीएमसी में शामिल होने की कड़ी में हाल ही में दो महीने पहले मोदी कैबिनेट विस्तार में अपना मंत्री पद खोने के बाद सांसद पद से इस्तीफा सौंपने वाले बाबुल सुप्रियो भी टीएमसी में शामिल हो गए थे। उन्होंने 18 सितंबर को टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। बंगाल चुनाव के बाद से कम से कम 4 विधायक बीजेपी से तृणमूल में वापसी कर चुके हैं।

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