पाकिस्तान में सरकार और फौज़ आमने सामने, आर्मी चीफ ने इमरान ख़ान की मर्जी के बिना बदला ISI चीफ

पाकिस्तान में हो सकता है सैन्य तख्ता पलट

Imran-Bajwa power play and web of deceit will have serious consequences

नई दिल्ली। भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में हाल ही में हुकूमत और सेना के बीच विवाद की बू फिज़ा में लिपटी हुई नज़र आ रही है। जिसके बाद पाकिस्तान के वज़ीर ए आज़म इमरान ख़ान और सेना आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा आमने सामने दिख रहे हैं। दरअसल पाकिस्तान की हुक़ूमत ने पिछले सप्ताह एलान किया था कि लेफ़्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम आईएसआई के नये चीफ़ होंगे। उन्हें लेफ़्टिनेंट जनरल फैज़ हमीद की जगह पर नियुक्त किया जाना था। जबकि लेफ़्टिनेंट जनरल फैज़ हमीद को पेशावर कोर का कमांडर बनाया जाना था। जिसके बाद जनरल फैज हमीद को हटाकर लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम को अपॉइंट कर दिया गया। लेकिन इमरान खान की सरकार की तरफ से कोई नोटिफिकेशन नहीं दिया गया। जिसके बाद से ही जनरल बाजवा और इमरान ख़ान के बीच ठनी है।

इमरान कुछ समय तक टालना चाहते थे अपॉइंटमेंट

मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इमरान ख़ान ने मंत्रियों से कहा कि उन्होंने आर्मी चीफ़ जनरल क़मर जावेद बाजवा से कहा है कि वे चाहते हैं कि लेफ़्टिनेंट जनरल फैज़ हमीद को कुछ और वक़्त के लिए इस ओहदे पर बने रहने दिया जाए। इसके पीछे इमरान ने अफ़ग़ानिस्तान के हालात का हवाला दिया है। इसका यह भी मतलब है कि इमरान ने इस मामले में अपने क़दम पीछे खींच लिए हैं।

बाजवा ने सरकार को दिए साफ संकेत

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इमरान नहीं चाहते थे कि फैज हमीद को ISI चीफ के पद से हटाया जाए, लेकिन बाजवा ने साफ कह दिया कि इमरान को सेना के मामलों में दखल देकर अपनी हद पार नहीं करनी चाहिए। अगर वे चाहें तो हमीद को 15 नवंबर तक एक्सटेंशन दिया जा सकता है, लेकिन इसके बाद उन्हें पद पर नहीं रखा जा सकता।

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