मोदी सरकार का केंद्रीय कर्मचारियों को तोहफा

सरकार ने कोरोना संकट के बीच लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को एक और राहत दी है. अब केंद्रीय कर्मचारियों को शहर के भीतर लोकल ट्रैवल का रीइम्बर्समेंट हासिल करने के लिए बिल जमा करने की जरूरत नहीं होगी.

इसके पहले सरकार ने एलटीसी के क्लेम के लिए यात्रा करने की जरूरत खत्म कर उसकी जगह कैश वाउचर से सिर्फ कुछ कंज्यूमर आइटम खरीदने की छूट दी थी.

क्या है नए आदेश में

अब वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग (DoE) ने अपने हाल के एक निर्णय में कहा है कि पे लेवल 9 से 11 तक कर्मचारियों को किसी टूर के दौरान डेली अलाउंस के तहत स्वीकार्य लोकल ट्रैवलिंग चार्ज का रीइम्सर्बमेंट हासिल करने के लिए रीसीट या वाउचर बिल जमा करने की जरूरत नहीं होगी.

इसकी जगह कर्मचारी अब अपने यात्रा, गाड़ी नंबर आदि का ब्योरा देते हुए एक सेल्फ सर्टिफिकेशन जारी कर सकेगा. इसके आधार पर ही उसका रीइम्सबर्समेंट कर दिया जाएगा.

DoE ने अपने सर्कुलर में कहा है, ‘पे लेवल 9 से 11 तक के अधिकारियों को डेली अलाउसं के तहत शहर के भीतर मान्य यात्रा के ट्रैवल चार्ज के रीइम्सबर्समेंट के लिए रीसीट/वाउचर जमा करने के बारे में आ रही कठिनाइयों की जानकारी मिली है. इसलिए इस मामले में जटिलता को दूर करते हुए रीसीट/वाउचर जमा करने की शर्त को हटा दिया गया है.’

इसके पहले एलटीसी पर मिली थी राहत

गौरतलब है कि इसके पहले 12 अक्टूबर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक महत्वपूर्ण ऐलान करते हुए कहा था कि केंद्रीय कर्मचारियों को यात्रा अवकाश रियायत  (LTC) का कैश वाउचर्स दिया जाएगा. इसका मतलब यह था कि एलटीसी के बदले नकद भुगतान होगा जो कि डिजिटल होगा. इसके लिए कर्मचारियों को यात्रा करने की जरूरत नहीं होगी

यह 2018 से 2021 के लिए होगा. इसके तहत ट्रेन या प्लेन के किराये का भुगतान होगा और वह टैक्स फ्री होगा. इसके लिए कर्मचारी का किराया और अन्य खर्च तीन गुना होना चाहिए. इसी तरह सामान या सेवाएं जीएसटी रजिस्टर्ड वेंडर से लेना होगा और भुगतान डिजिटल होना चाहिए.