जानिए क्या होता है संसद का विशेष सत्र ?

संविधान में संसद के विशेष सत्र शब्द का कोई जिक्र नहीं है।चलिए सबसे पहले आपको बताते हैं कि संसद में कितने सत्र होते हैं ? एक वर्ष के दौरान लोकसभा में तीन सत्र आयोजित किए जाते हैं।


संसद का विशेष सत्र फरवरी महीने से लेकर मई महिने के दौरान चलता है।इस समय के दौरान बजट पर विचार करने तथा मतदान और अनुमोदन के लिए बजट को संसद में प्रस्तुत किया जाता है। इस दौरान विभागों से संबंधित समितिया मंत्रालयों और विभागो की अनुदानों की मांगो पर विचार करती है और इसके बाद संसद को अपने प्रतिवेदन सौपती हैं।

जानिए क्या होता है संसद का विशेष सत्र ?


दूसरा आता है मानसून सत्र जिसकी अवधि जुलाई से अगस्त के बीच होती है। साल का अंत शीतकालीन सत्र से होता है। जिसका सत्र नवम्बर से दिसंबर के बीच बुलाया जाता है। चलिए अब आपको बताते है आखिर ये विशेष सत्र होता क्या है ?
सरकारों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले विशेष सत्र को अनुच्छेद 85(1) के बनाए प्रावधानो के अनुसार बुलाया जाता है। इसी अनुच्छेद के तहत बाकी सभी सत्र भी बुलाए जाते हैं। आपको बता दे जरुरत पड़ने पर देश के राष्ट्रपति के पास अधिकार है विशेष सत्र बुलाने का ।

संसद सत्र बुलाने का निर्णय संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा लिया जाता है व और सासंदो को राष्ट्रपति के नाम पर बुलाया जाता है। केंद्र सरकार इसी प्रावधान का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति से संसद का विशेष सत्र बुलाने की सिफारिश करती है और मंजूरी भी लेती है।


आपको बता दे संसदीय इतिहास में अब तक सात बार विशेष सत्र बुलाए जा चुके हैं। सात में से तीन बार ऐसे सत्र तब बुलाए गए जब देश ऐतिहासिक उपलब्धियों का जश्न मना रहा था।वहीं दो बार राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए विशेष सत्र बुलाया गया था। 1977 में तमिलनाडु और नगालैंड में तो 1991 में हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए विशेष सत्र बुलाए गए थे। इसके बाद सन 2008 में विशेष सत्र विश्वास मत हासिल करने के लिए बुलाया गया था। उस वक्त देश के प्रधानमँत्री मनमोहन सिंह थे।जो कांग्रेस की नेतृत्व वाली यूपीए की नेतृत्व कर रहे थे।यह विश्वास सत सरकार के समर्थन में आया और यूपीए सरकार जारी रही। वहीं साढें नौ साल से ज्यादा सरकार में मौजूद रही मोदी की नेतृत्व वाली सरकार अब तक केवल एक बार विशेष सत्र बुलाया है । अब 18 से 22 सितंबर को जो विशेष सत्र योजना बनाई गई है वो मोदी सरकार का दूसरा विशेष सत्र होगा।