‘वायरस इवॉल्यूशन वर्किंग ग्रुप’ के जरिए निगरानी जारी: डब्ल्यूएचओ क्षेत्रीय निदेशक

नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन में दक्षिण पूर्वी एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा है कि वायरस और उसके विभिन्न स्वरूपों को फैलने से रोकने के लिए कोविड-19 संबंधी उपयुक्त बर्ताव ही सर्वश्रेष्ठ तरीका है। उन्होंने कहा कि जांच, संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाना, पृथक-वास तथा उपचार के प्रयास बढ़ाने होंगे।

सामने आ रहे रिकार्ड मामले

कोरोना वायरस के मामलों में आई तेजी को लेकर दिये एक साक्षात्कार में सिंह ने रोग के खिलाफ लड़ाई में खांसने व छींकने संबंधी शिष्टाचार बरतने, हाथों की साफ-सफाई और सामाजिक दूरी के महत्व के बारे में बात की। अप्रैल माह की शुरुआत से ही भारत में रिकॉर्ड संख्या में संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। देश में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के रिकॉर्ड 1,45,384 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद अब तक संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1,32,05,926 हो गई है।

सोशल डिस्टेन्सिंग बेहद ज़रूरी


स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार सुबह आठ बजे के अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, उपचाराधीन लोगों की संख्या करीब साढ़े छह महीने बाद फिर से 10 लाख से अधिक हो गई। डाॅ. पूनम ने कहा कि वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं सामाजिक उपाय बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि, सामाजिक दूरी के उपाय तथा आवाजाही पर पाबंदी से लोगों के बीच संपर्क सीमित होगा और कोविड-19 संक्रमण की रफ्तार घटेगी।

वायरस के स्वरूपों की जानकारी अव्यवस्थित

लॉकडाउन संबंधी सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि, स्थानीय महामारी विज्ञान, जोखिम का आकलन जैसे कि स्वास्थ्य प्रणालियों की क्षमता के आधार पर ही इस तरह के फैसले लिए जाने चाहिए। वायरस के स्वरूपों के बारे में उन्होंने कहा कि इनकी मौजूदगी के बारे में जो जानकारी उपलब्ध है, वह व्यवस्थित नहीं है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ वायरस के स्वरूपों पर अपने ‘वायरस इवॉल्यूशन वर्किंग ग्रुप’ के जरिए नजर रख रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *