iPhone को Android फोन से बिल्कुल अलग क्‍यों बनाते हैं, ये होता है फायदा

डेटा स्टोरेज और यूजेज-

अब iPhone का एक नया नियम है, जिसमें सभी iPhone ऐप को यूजर्स के डेटा स्टोरेज और इस्तेमाल की जानकारी देनी होगी. यानि iPhone App यूजर के किस डेटा को एक्सेस करते हैं और इसका कहां यूज और स्टोरेज किया जाता है. ये पॉलिसी प्राइवेसी के लिहाज से काफी अहम है. Apple की ओर से App Store अपडेट के जरिए यूजर को इसकी जानकारी दी जाती है. जबकि एंड्राइड ऐप आपको आपके डेटा के इस्तेमाल की कोई जानकारी नहीं देता है.

ऑनलाइन एक्टिविटी ट्रैकिंग पर रोक-

Apple ने एक बड़ा प्राइवेसी फीचर अपडेट किया है जिसमें iOS 14.5 में एक नियम जोड़ा है. इस नियम में सभी ऐप डेवलपर्स को यूजर डेटा को विज्ञापन के लिए इस्तेमाल करने से पहले इसकी मंजूरी लेना अनिवार्य है. यानि इसके बाद कोई भी ऐप आपकी एक्टिविटी को ऑनलाइन ट्रैक नहीं कर सकता है. इसके लिए यूजर से परमिशन लेनी होगी. इसके अलावा यूजर क्या सर्च करता है उसे भी ट्रैक नहीं किया जा सकता.

फर्जी ऐप की पहचान-

Apple अपने यूजर को काफी सुरक्षित ऐप उपलब्ध कराता है. इसके लिए कंपनी के नियम काफी सख्त बनाए गए हैं. किसी भी ऐप को यूजर को अपनी पूरी जानकारी देनी होगी. जिसे आप वेरिफाई कर सकते हैं. ऐसा होने से फर्जी ऐप को Apple App पर लिस्ट होने से रोका जाता है. जबकि एंड्राइड स्मार्टफोन में क्लोन ऐप और क्लिकबेट ऐप काफी मिलते हैं.

कम जानकारी देकर चलाएं ऐप-

Apple की ओर से ऐप डेवलपर्स को यूजर्स की मामूली जानकारी के बाद ही ऐप रन करने की पॉलिसी लागू है, आपकी वही जानकारी मांगी जाती है जो ऐप के रन होने के लिए बेहद जरूरी है. जबकि एंड्राइड फोन में आपकी काफी पर्सनल जानकारी भी ली जाती है. इसलिए ज्यादातर ऐप आपकी मीडिया फाइल, कॉन्टैक्ट बुक को भी एक्सेस कर रहे हैं.

कैमरा और माइक परमिशन-

अगर कोई iOS ऐप चुपचाप आपके माइक और कैमरे को एक्सेस कर रहा है, तो iPhone में येलो और ग्रीन डॉट से इसका पता लगाया जा सकता है. ऐसा होने पर आपको येलो और ग्रीन डॉट का नोटिफिकेशन दिखाई देगा. इससे ऐप की सीक्रेट रिकॉर्डिंग का पता लगा सकते हैं. अगर कोई आपके अकाउंट आईडी और पासवर्ड को चोरी करता है तो Apple आपको तुरंत आगाह कर देता है. ये फीचर्स iPhone को एंड्रॉइड फोन से काफी अलग बनाते हैं.