छत पर ईंट फेंकने का विरोध करना पड़ा भारी, दबंगों ने महिला को पीटा, फाड़े कपड़े


थाने के कई चक्कर काटने के बाद उच्च अधिकारियों के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा

अमर भारती ब्यूरो | देवरिया
प्रदेश की योगी सरकार एक ओर अपराधियों के खिलाफ सख्त अभियान चला रही है, वहीं दूसरी ओर जमीनी हकीकत इससे उलट दिख रही है। देवरिया जनपद के रुद्रपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत रामनगर गांव में एक अनुसूचित जनजाति की महिला को दबंगों ने महज इसलिए बुरी तरह पीट दिया क्योंकि उसने अपने छत पर फेंके जा रहे ईंट-पत्थरों का विरोध किया।

घटना 18 जून 2025 की दोपहर लगभग 2 बजे की है। संजू देवी पत्नी रामभरोसा गोड़ अपने कटरैन की छत के नीचे परिवार संग बैठी थीं, तभी पड़ोस में स्थित गौरव हॉस्पिटल (पूर्व में गरिमा हॉस्पिटल) के संचालक रघुनाथ निषाद, उनके पुत्र गौरव व वैभव ने ईंटें फेंकनी शुरू कीं। विरोध करने पर दबंगों ने महिला के साथ न केवल मारपीट की बल्कि उसके कपड़े भी फाड़ दिए और गंदी गालियों के साथ जान से मारने की धमकी दी।

पीड़िता ने तत्काल 112 नंबर पर फोन कर पुलिस को सूचित किया, लेकिन पुलिस मौके से लौट गई। 18 और 19 जून को महिला ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए चक्कर लगाए पर कोई सुनवाई नहीं हुई। थक-हारकर पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय का रुख किया और अपनी आपबीती सुनाई।

संजू देवी ने अपनी शिकायत में बताया कि वह अनुसूचित जनजाति (गोड़) से हैं और अपने पति व दो बेटियों के साथ चाय की दुकान चलाकर जीवनयापन करती हैं। रघुनाथ निषाद सत्ता पक्ष से जुड़ा व्यक्ति है और स्थानीय राजनीति में खास जातीय प्रभाव रखता है, जिसके चलते पुलिस उस पर हाथ डालने से हिचकती रही।

आरोप है कि महिला से मारपीट करते हुए रघुनाथ निषाद ने कपड़े फाड़ दिए और अश्लील हरकतें कीं। महिला का कहना है कि वह और उसका परिवार बुरी तरह डरा हुआ है और किसी बड़ी अनहोनी की आशंका बनी हुई है।

क्या बोले अपर पुलिस अधीक्षक?
अमर भारती से विशेष बातचीत में अपर पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार वर्मा ने कहा कि “पीड़िता मेरे पास आई थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित थानाध्यक्ष को तत्काल मुकदमा दर्ज कर नियमानुसार कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।”