
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने रविवार को लखनऊ के राजभवन क्षेत्र स्थित 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र, सीजी सिटी का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण का उद्देश्य गर्मी के मौसम में उपभोक्ताओं को निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना था।
ऊर्जा मंत्री ने उपकेंद्र की लॉग बुक और लोड पैनल का गहन अवलोकन किया। उन्होंने बताया कि उपकेंद्र की क्षमता 2×10 एमवीए है, जहां से याहियामऊ, छतनगर, स्वाती सिटी, एकतानगर और पृथ्वीपुरम जैसे क्षेत्रों को विद्युत आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस ग्रीष्म ऋतु में निर्बाध आपूर्ति हेतु आवश्यक अनुरक्षण कार्य तत्परता से किए जाएं और सुरक्षात्मक उपायों को समय से अपनाया जाए।
ऊर्जा मंत्री ने ट्रांसफार्मर पर चल रहे रिपेयरिंग और रिप्लेसमेंट कार्यों का निरीक्षण करते हुए निर्देश दिए कि किसी एक फीडर पर बार-बार शटडाउन की प्रवृत्ति समाप्त होनी चाहिए। एक बार में एकमुश्त सभी आवश्यक कार्य संपन्न किए जाएं। ऐसा न करने वाले कार्मिकों पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अब लखनऊ में बेवजह विद्युत कटौती, ट्रिपिंग और लो वोल्टेज जैसी समस्याएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। उन्होंने कहा कि जहां कहीं से भी विद्युत व्यवधान की शिकायतें आएं, उनका तत्काल समाधान हो। ट्रांसफार्मर के आसपास सफाई बनी रहे और विद्युत लाइनों से टकराते पेड़ों की छंटाई समय से हो।
उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि ट्रॉली ट्रांसफार्मर की पर्याप्त व्यवस्था हो और क्षतिग्रस्त या जले हुए ट्रांसफार्मरों को तत्काल बदला जाए। लोड बढ़ने या ट्रांसफार्मर में तेल न होने को अब कोई बहाना नहीं माना जाएगा। उपभोक्ताओं के फोन न उठाने पर भी संबंधित कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा कि शिकायत हेल्पलाइन 1912 पर उपभोक्ताओं की शिकायतों का तत्काल संज्ञान लेकर त्वरित समाधान किया जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विद्युत आपूर्ति में लापरवाही बरतने वाले कर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।
ऊर्जा मंत्री ने उपभोक्ताओं से अपील की कि वे विद्युत चोरी रोकने और ऊर्जा संरक्षण में सरकार का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ‘उपभोक्ता देवो भव:’ के संकल्प को पूरी निष्ठा से निभा रही है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बीते तीन वर्षों में प्रदेश सरकार ने विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किए हैं। जर्जर लाइनों, पोलों और ट्रांसफार्मरों को बदला गया है। ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाई गई, नई लाइनें और उपकेंद्र स्थापित किए गए हैं। आरडीएसएस योजना और बिजनेस प्लान के तहत लगभग 24 से 25 हज़ार करोड़ रुपये की लागत से यह कार्य संपन्न हुए हैं।
निरीक्षण के दौरान अधिशाषी अभियंता, एसडीओ, अवर अभियंता और अन्य विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।