लोकनिर्माण विभाग खीरी की एक अनोखी पहल

गोलागोकर्णनाथ खीरी। जनपद खीरी के प्रमुख धार्मिक नगर गोला गोकर्णनाथ बाहर लोकनिर्माण विभाग खीरी ने सडक के साथ ही जलनिकासी के लिए नाला-नालियों का निर्माण कराया था जोकि मानक विहीन ढंग से व भ्रष्टाचार का खेल खेला गया था जिसकी शिकायत के बाद जिम्मेदार अधिकारियों ने शीघ्र ही जलनिकासी की व्यवस्था करने का भरोसा जताया था पर उसका पालन नहीं किया गया है जिससे आम जनमानस में आक्रोश पनपने लगा है।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2023/ 2024 गोला – बांकेगंज मार्ग और लखीमपुर – भूतनाथ मार्ग पर सडक व जलनिकासी के लिए नाला – नाली का नव निर्माण कराया गया था और सडक का निर्माण संतोष जनक रहा था पर नाला-नाली पर करोड़ों का बजट व्यय होने के बाद आजतक जलनिकासी की कोई व्यवस्था नहीं है।
बताते चलें कि लोकनिर्माण विभाग खीरी के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही, भ्रष्ट कार्यशैली के चलते लोकनिर्माण विभाग उत्तर प्रदेश का करोड़ों रुपया पानी की तरह बहाने के बाद भी जलनिकासी बंद पड़ी है। इस संबंध में किसी भी जिम्मेदार अधिकारी व कार्यदायी संस्था गंभीर नहीं है। तकनीकी रुप से खामियां ही खामियां है जिसका मुख्य कारण है कि नाला – नाली का समतलीकरण नहीं है? नाला – नाली के निर्माण में मानकविहीन ढंग से कार्यदायी संस्था ने जिम्मेदार अधिकारियों से मिलकर खेल खेला है? नाली-नाली निर्माण में कई जगह पर तिरछा व चौडाई भी कम होना है? कमीशनबाजी के खेल ने करोड़ों का बजट व्यय होने केबाद भी कहीं नाला-नाली में गंदा पानी भरा हुआ है? कही पर गंदगी कूडा करकट भरा हुआ है जिसका बहाना जिम्मेदार यह बनाते है कि नवनिर्मित नाला-नालियों की सफाई का बजट नहीं है?
सवाल यह उठता है कि जब नाला नालियों का समतलीकरण ही नहीं है तब जलनिकासी कैसे सम्भव है? बंद पड़ा नाला – नालियों में कहीं गंदगी-जलभराव है? कहीं पर कूड़ा करकट मिटटी से भरी हुई है और सूखी होने के बाद से बंद है?
गोला – बांकेगंज निकट तहसील गोला के दोनों तरफ नाला – नाली का बंद है जलनिकासी के जूनियर इंजीनियर आलोक कुमार ने प्रयास किया और हजारों रुपए व्वय किया पर उनको सफलता नहीं मिल पाई है। तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारियों व कार्यदायी संस्था जोकि इसके लिए मुख्य रुप से जिम्मेदार है पर वर्तमान में तैनात जिम्मेदारअधिकारियोंने इस गंभीर समस्या को गंभीरता से क्यों नहीं लिया यह एक जांच का विषय है? जबकि नवनिर्मित नाला – नाली की शिकायत लोकनिर्माण विभाग उत्तर प्रदेश के पोर्टल पर दिनांक 19 मार्च 2025 व इससे पहले भी दर्ज कराया था। बार बार शिकायत के पीछे मंशा यह है कि उत्तर प्रदेश सरकार का करोड़ों रुपया पानी की तरह बह गया पर आमजनता को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है इस लिए इसकी जांच व कारवाई के लिए मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश लखनऊ से मांग की है ।