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राज्य की मांग, सोशल मीडिया पर जमकर हो रहा विरोध- Amar Bharti Media Group राज्य, मध्यप्रदेश

राज्य की मांग, सोशल मीडिया पर जमकर हो रहा विरोध

गुरुवार को लोकसभा में भाषण के दौरान सात मांगे मांगी थीं. उन्होंने सबसे ज्यादा ज़ोर सिंधी प्रदेश बनाने पर दिया है. जिसे लेकर सोशल मीडिया पर उनका विरोध शुरू हो गया है.

इंदौर: लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं मध्य प्रदेश के इंदौर लोकसभा सीट से सांसद शंकर लालवानी ने संसद में ना केवल सिंधी भाषा में भाषण दिया बल्कि जातिगत आधार पर अलग से सिंधी राज्य बनाने की मांग भी कर दी. उन्होंने भाषण के दौरान सात मांगे मांगी हैं. लालवानी ने भारत में रह रहे 1 करोड़ सिंधियों के विकास के लिए सिंधी कल्याण बोर्ड के गठन की मांग के साथ 6 अन्य मांगे और मांगी हैं. उनकी इस मांग का सोशल मीडिया में जमकर विरोध हो रहा है.  

शंकर लालवानी की ये हैं सात मांगें

1-सिंधी कल्याण बोर्ड बने- सांसद लालवानी ने मांग की कि पाकिस्तान से कई लोग भारत आए हैं और उनमें कई लोगों के हालात ठीक नहीं है.  मैं चाहता हूं उनके विकास के लिए सिंधी कल्याण बोर्ड का गठन हो.

2-राष्ट्रीय सिंधी अकादमी बने- उन्होंने सिंधी कला व संस्कृति को पुरानी संस्कृति बताते हुए इसका ताल्लुक मोहनजोदड़ो और सिंधु घाटी की सभ्यता बताया. और कहा कि इसके लिए राष्ट्रीय सिंधी अकादमी बनाना चाहिए.

3-सिंधी भाषा में भी टीवी चैनल शुरू हों- लालवानी ने कहा सभी भाषाओं के टीवी चैनल आज चल रहे हैं, परन्तु एक सिंधी भाषा में अभी तक कोई टीवी चैनल चालू नहीं हुआ है. समाज की यह मांग है कि सिंधी भाषा में भी टीवी चैनल चालू करना चाहिए.

4-सांस्कृतिक झाकियों में भी मिले मौका- 26 जनवरी को दिल्ली में जो परेड होती है उसमें सभी प्रदेशों की झांकियां निकलती हैं, लेकिन सिंधियों का कोई प्रदेश नहीं है. उनकी भी सांस्कृतिक झांकी निकालने के लिए निवेदन है.

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5-देश में एक सिंधी प्रदेश भी हो- सांसद ललवानी ने संसद में दिए अपने वक्तव्य में कहा कि जब मैं देश के विभिन्न हिस्सों में जाता हूं तो मेरे पास यह मांग आती है कि हिन्दुस्तान में एक सिंधी प्रदेश बनना चाहिए. मेरा समाज यह चाहता है.

6-सिंधी यूनिवर्सिटी बने- देश में एक सिंधी यूनिवर्सिटी की स्थापना होनी चाहिए जिससे समाज के बच्चे सिंधी भाषा पढ़-लिख सकें.

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7-चेटीचंड पर हो राष्ट्रीय अवकाश- सिंधी समाज की एक मांग यह भी है कि चेटीचंड जो भगवान झूलेलाल के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है. उस दिन राष्ट्रीय अवकाश की घोषणा होना चाहिए.

शंकर लालवानी ने सबसे ज्यादा ज़ोर सिंधी प्रदेश बनाने पर दिया है. जिसे लेकर सोशल मीडिया पर उनका विरोध शुरू हो गया है.