उज्जैन में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद अब रतलाम में भी जहरीली शराब की फैक्ट्री पकड़ी गई है. बिलपांक थाने के झर गांव में मौत का सामान बनाने वाली फैक्ट्री चल रही थी. यहां यूरिया और स्प्रिट मिलाकर जहरीली शराब तैयार की जाती थी और इसे ग्रामीण इलाकों में बेचा जाता था.
इस फैक्ट्री से पुलिस ने बड़े पैमाने पर हजारों खाली बोतलें, नकली होलोग्राम, पैकिंग मशीन सहित बड़े यूरिया और स्प्रिट की दर्जनों केन जब्त की हैं. इस मामले में पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जबकि मास्टरमाइंड अभी फरार है.
खास बात है कि जहरीली शराब को कुएं में छिपाकर रखा जाता था और जिस स्प्रिट से यह शराब बनाई जा रही थी वह भी पानी की केन में भरकर उज्जैन जिले से रतलाम में लाया गया था, ताकि पुलिस को शक न हो.
कुछ दिनों पहले एक शराब बेचने वाले शख्स से पूछताछ में इस जहरीली शराब फैक्ट्री का खुलासा हुआ है जिसके बाद एसपी गौरव तिवारी ने टीम बनाकर इस फैक्ट्री पर दबिश दी तो मौत का सामान बनाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश किया. वहीं एसपी इस मामले में संबंधित थाने के पुलिसकर्मियों की संलिप्तता की भी जांच कर रहे हैं.
गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान रतलाम में भी जहरीली शराब से 10 से ज्यादा मौतें हुई थीं लेकिन इस पर को छोटी-मोटी कार्रवाई करने के बाद मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था.
अब इसमें देखने वाली यह बात होगी कि कौन सी बड़ी मछलियां इस गिरोह को संचालित कर रही हैं और बिलपांक पुलिस इस गिरोह के मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी कब तक करती है.
रतलाम एसपी गौरव तिवारी ने बताया कि हमें मिली सूचना पर कार्रवाई की गई. जसवंत सिंह के घर दबिश में अवैध रूप से शराब बनाने की फैक्ट्री मिली. इन लोगों को खाचरोद का अंकुश अवैध स्प्रिट देता था. इसके यहां दबिश दी गयी लेकिन वह फरार हो गया.
वहां से 558 लीटर अवैध शराब सहित स्प्रिट, खाली प्लास्टिक बोतल, ढक्कन, रैपर सहित बॉटलिंग करने की मशीन जब्त की गई. ये लोग यूरिया को स्प्रिट में मिलाकर शराब बनाते थे. इस मामले में 5 लोगों को अरेस्ट किया गया. इस मामले में जांच जारी है.