Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wp-statistics domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the updraftplus domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114
जोशीमठ में हिमखंड के टूटने से भीषण बाढ़, 150 श्रमिकों की मौत की आशंका- Amar Bharti Media Group राष्ट्रीय

जोशीमठ में हिमखंड के टूटने से भीषण बाढ़, 150 श्रमिकों की मौत की आशंका

देहरादून/ नई दिल्ली । (भाषा) उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में रविवार को नंदादेवी ग्लेशियर के एक हिस्से के टूट जाने से धौली गंगा नदी में विकराल बाढ़ आई और पारिस्थितिकीय रूप से नाजुक हिमालय के हिस्सों में बड़े पैमाने पर तबाही हुई।

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के एक प्रवक्ता ने तपोवन-रेनी में एक विद्युत परियोजना प्रभारी को उद्धृत करते हुए कहा कि परियोजना में काम करने वाले 150 से अधिक मजदूरों की मौत की आशंका है। उन्होंने बताया कि तीन शव बरामद किये गए हैं।

राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने स्थिति को नियंत्रण में बताते हुए कहा कि बिजली परियोजना पूरी तरह से बह गई है।

पहाड़ों के किनारे पानी के तेज बहाव में आने से रास्ते में आने वाले घर भी बह गए। अधिक आबादी वाले क्षेत्रों सहित नीचे की ओर स्थित मानव बस्तियों में नुकसान होने की आशंका है। कई गांवों को खाली कराया गया है और लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में पहुंचाया गया है।

आईटीबीपी के एक प्रवक्ता ने कहा कि रेनी गांव के पास एक पुल ढहने के कारण कुछ सीमा चौकियों के साथ सम्पर्क ‘‘पूरी तरह से टूट’’ गया है।

पौड़ी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार और देहरादून सहित कई जिलों के प्रभावित होने की आशंका है और इन जिलों को हाई अलर्ट पर रखने के साथ ही आईटीबीपी और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) को राहत और बचाव कार्यो में लगाया गया है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उत्तराखंड के चमोली में हिमखंड टूटने के कारण अचानक आई बाढ़ की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की और लोगों की सुरक्षा की कामना की।

राष्ट्रपति भवन ने कोविंद के हवाले से ट्वीट किया, ‘‘उत्तराखंड में जोशीमठ के पास ग्लेशियर टूटने के करण क्षेत्र में हुए नुकसान को लेकर काफी चिंतित हूं। लोगों की सुरक्षा और कुशलता की कामना करता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पूरा विश्वास है कि वहां राहत एवं बचाव कार्य अच्छे ढंग से चल रहा होगा।’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘मैं उत्तराखंड में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की लगातार निगरानी कर रहा हूं। भारत उत्तराखंड के साथ खड़ा है, सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है।’’

इससे पहले दिन में खबर आयी थी कि ऋषि गंगा पर परियोजना में लगे 150 मजदूर प्रभावित हुए हैं।

राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने कहा, ‘‘बिजली परियोजना के प्रतिनिधियों ने मुझे बताया कि वे परियोजना स्थल पर अपने लगभग 150 कर्मियों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।’’

अधिकारी ने कहा कि गंगा की सहायक नदी धौली गंगा में पानी सामान्य से दो से तीन मीटर ऊपर बह रहा है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात की और उन्हें ग्लेशियर के फटने और उससे उत्पन्न बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।

शाह ने कई ट्वीट करके कहा कि एनडीआरएफ की टीमों को प्रभावित लोगों के बचाव और राहत कार्यों के लिए तैनात किया गया है जबकि बल के अतिरिक्त जवानों को दिल्ली से हवाई मार्ग से रवाना किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की सूचना के संबंध में मैंने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, आईटीबीपी के महानिदेशक और एनडीआरएफ के महानिदेशक से बात की है। सभी संबंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं। एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्यों के लिए रवाना की गई हैं। देवभूमि को हर संभव मदद प्रदान की जाएगी।’’

शाह ने कहा कि केंद्र सरकार उत्तराखंड की स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है।

उन्होंने कहा, ‘‘एनडीआरएफ की कुछ और टीमों को दिल्ली से हवाई मार्ग से उत्तराखंड भेजा जा रहा है। हम वहां के हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।’’

गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि एनडीआरएफ की चार टीमें (लगभग 200 कर्मी) को हवाई मार्ग से देहरादून भेजा गया है और ये टीमें वहां से जोशीमठ जाएंगी।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रावत ने लोगों से पुराने बाढ़ के वीडियो के जरिए अफवाह न फैलाने की भी अपील की।

उन्होंने कहा कि गंगा की एक अन्य सहायक नदी अलकनंदा में जल स्तर सामान्य से एक मीटर ऊपर है, लेकिन प्रवाह धीरे-धीरे कम हो रहा है। उन्होंने कहा कि संबंधित सभी जिलों को सतर्क कर दिया गया है और लोगों को गंगा के पास नहीं जाने के लिए कहा गया है।

रावत ने ट्वीट किया, ‘‘मैंने अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है और स्थिति का सीधे तौर जायजा लेने के लिए प्रभावित क्षेत्र में पहुंच गया हूं। सरकार के सभी स्तरों पर चमोली जिला प्रशासन की मदद की जा रही है। घबराने की कोई बात नहीं है। मैं सभी से अफवाहों पर यकीन नहीं करने की अपील करता हूं।’’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘वर्तमान में कोई अतिरिक्त जल प्रवाह नहीं देखा जा रहा है और कहीं भी बाढ़ की स्थिति नहीं है। जल सैलाब नंदप्रयाग से आगे निकल गया है और नदी सामान्य स्तर से एक मीटर ऊपर बह रही है। अलकनंदा के किनारे स्थित गांवों में कोई नुकसान नहीं हुआ है।’’

उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘‘राज्य के मुख्य सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग और मेरी टीम नियंत्रण केंद्र में मौजूद है और वास्तविक समय के आधार पर स्थिति की निगरानी कर रही है और उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं।’’

इससे पहले रावत ने ट्वीट कर कहा था, ‘‘राहत की खबर ये है कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है। नदी का जलस्तर सामान्य से अब एक मीटर ऊपर है लेकिन बहाव कम होता जा रहा है। राज्य के मुख्य सचिव, आपदा सचिव, पुलिस अधिकारी एवं मेरी समस्त टीम आपदा कंट्रोल रूम में स्थिति पर लगातार नज़र रख रही है।’’