वे पांच स्थान जहां पर व्यक्ति को नहीं चाहिए हंसना:
श्मशान में नहीं हंसना चाहिए:
अगर कोई व्यक्ति श्मशान में जाकर हंसता है तो उसका यह हंसना 100 पापों के बराबर माना जाता है. श्मशान में हंसने से उस व्यक्ति के परिवार का भी अपमान माना जाता है जो परिवार शोक में डूबा हुआ है.
अर्थी के पीछे भी कभी नहीं हंसना चाहिए:
किसी भी मृतक के शोक यात्रा में जाने पर भी नहीं हंसना चाहिए. ऐसा करने से उस मृतक व्यक्ति का अपमान होता है जिसकी मृत्यु हुई रहती है.
किसी शोकाकुल परिवार के यहां जाने पर:
किसी शोकाकुल परिवार के यहां जाने पर भी हमें हंसी-ठिठोली से बचना चाहिए. यहां तक कि शोकाकुल परिवार के यहां जाने पर वहां फालतू की बातें या गप्पे भी नहीं मारना चाहिए.
मंदिर में भी नहीं करना चाहिए हंसी-ठिठोली:
हमें किसी मंदिर में भी कभी हंसी-ठिठोली नहीं करना चाहिए. चूंकि मंदिर में हम भगवान से कुछ मांगने के लिए जाते हैं इसलिए मंदिर में शांत मन से भगवान को याद करते हुए प्रार्थना करनी चाहिए.
किसी धार्मिक कथा में जाने पर:
हमें ऐसे स्थान पर भी हंसी-ठिठोली से बचना चाहिए जहां पर भगवान की कथा हो रही हो. कथा में हंसी-ठिठोली करने से जहां हम ज्ञान की बातों से वंचित होते हैं वहीँ दूसरे लोगों को भी इससे तकलीफ होती है.