पाकिस्तान में अवैध रूप से पांच अदालतों का प्राइवेट जमीन पर निर्माण किया गया है।
अदालतों का सबसे बड़ा गुण न्याय है। अदालतें यह सुनिश्चित करती है कि देश का कोई भी नागरिक न्याय पाने से वंचित न रह जाए। जिसके चलते उम्मीद की जाती है कि भले ही उनके साथ कितना भी गलत हो जाए, लेकिन कोर्ट से उन्हें न्याय मिलकर ही रहेगा। लेकिन क्या हो अगर खुद कोर्ट ही गलत तरीके से काम करने लगे? दरअसल, यह मामला पाकिस्तान का है, जहां अवैध रूप से पांच अदालतों का प्राइवेट जमीन पर निर्माण किया गया। यह जानकारी पाकिस्तानी हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट को दी है।
पाकिस्तानी हाई कोर्ट ने दी जानकारी
इस्लामाबाद हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार ने सुप्रीम कोर्ट को लिखित रूप में यह जानकारी दी है। इसके अलावा, इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले में ऑडिटर जनरल ऑफ पाकिस्तान से फॉरेंसिक ऑडिट कराए जाने का सख्त आदेश दिया है।
मर्कज की कमर्शियल जमीन पर अवैध कब्जा
इस्लामाबाद हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार ने कहा कि F-8 मर्कज की कमर्शियल जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है। आगे कहा गया है कि यह सामने आया है कि कुछ अदालतें जनता की प्राइवेट जमीन पर बनाई गई हैं।
अदालत का आदेश
मामला सामने आने के बाद कैपिटल डेवलपमेंट अथॉरिटी को कोर्ट ने अवैध निर्माण के खिलाफ कदम उठाए जाने के आदेश दिए गए हैं। इस्लामाबाद के एक निवासी का कहना है कि खेल के मैदान को अधिवक्ताओं और आसपास के व्यावसायिक भवनों के रहने वालों द्वारा अतिक्रमण किया गया था। वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी, जिसने 2 मार्च को याचिका खारिज कर दी थी