नई दिल्ली। डेमोक्रैटिक रिपलब्कि ऑफ कॉन्गो की राजधानी किंशासा में भारतीय समुदाय पर हमला हुआ है। भीड़ ने भारतीयों की दुकानें और वाहन फूंक दिए डेमोक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो में एक भीड़ ने भारतीय मूल के लोगों के व्यापारिक प्रतिष्ठानों और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। गुरुवार को हुई इस घटना के बारे मे पुलिस ने कहा पिछले हफ्ते भारत के बेंगलुरु में कॉन्गो के रहने वाले एक छात्र की मौत के कारण हुआ है। पुलिस ने बताया कि गुरुवार को कॉन्गो में कई भारतीय दुकानों और गोदामों को लूटा गया, एक कार को आग लगा दी गई।
युवक की हुई मौत
तीन अन्य वाहनों पर पत्थर फेंके गए। यह घटनाएं किंशासा के लिमेटे इलाके में तब हुई जब ऐसी अफवाह फैल गई कि भारत में कॉन्गलीज मूल के एक और युवक की मौत हो गई है. किन्शासा के पुलिस आयुक्त सिल्वानो कासोंगो ने बताया, “असभ्य लोग, विशेषकर कुछ युवा भारतीयों द्वारा चलाई जा रहीं दुकानों और गोदामों को लूट रहे हैं” पुलिस ने इस संबंध में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। उसे पत्थर फेंकने के लिए तैयार की गईं कपड़े की बनाई 40 बेलें भी मिली हैं।
विरोध प्रदर्शन किया गया
पुलिस के मुताबिक मालू ने सीने में दर्द की शिकायत की, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई. इस घटना के बाद बेंगलुरू में रहने वाले अफ्रीकी मूल के कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था. पुलिस ने उन लोगों पर लाठी चार्ज भी किया था. बाद में पुलिस ने पांच प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था।
अफ्रीकी मूल के लोगों के खिलाफ नस्लभेद
तस्वीरों में एक जैसा है कूड़ा बीनने वालों का हाल 3 अगस्त को डेमोक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो के दिल्ली स्थित दूतावास से कुछ अधिकारी बेंगलुरु पुहंचे थे और पुलिस से घटना की जानकारी ली थी. इसके बाद राज्य सरकार ने मालू की मौत के मामले की जांच सीआईडी की सौंप दी थी. भारत में नस्लभेद के आरोप अफ्रीका में कई बार कूटनीतिज्ञ इस बात की शिकायत कर चुके हैं कि भारत में रहने वाले अफ्रीकी मूल के लोगों के खिलाफ नस्लभेद होता है।