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पूरे विश्व का सबसे बड़ा पागलखाना आम लोगों के लिए खोला गया, इमारतों में मौजूद है प्रेत आत्मा का साया- Amar Bharti Media Group विशेष

पूरे विश्व का सबसे बड़ा पागलखाना आम लोगों के लिए खोला गया, इमारतों में मौजूद है प्रेत आत्मा का साया

World largest abandoned asylum open for visitor tours in georgia htgp -  International news in Hindi - दुनिया का सबसे बड़ा पागलखाना पर्यटकों के लिए  खोला गया, यहां डर जाते हैं लोग

नई दिल्ली। अमेरिका के जॉर्जिया में स्थित दुनिया के सबसे बड़े पागलखाने के रूप में शुमार सेंट्रल स्टेट हॉस्पिटल को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया। लेकिन यहाँ लोग जाने से डरते हैं। लोगों का मानना है कि यहां आत्मा रहती है। किसी जमाने में इसे दुनिया का सबसे बड़ा पागलखाना कहा जाता था, इसके बाद धीरे-धीरे यहां लोग कम होते गए और इस हॉस्पिटल की कई इमारतें खंडहर में बदलती गईं। अभी भी यहां कुछ लोग ऐसे मजूद हैं जिनका इलाज चलता रहता है।

यह हॉस्पिटल साल 1842 में बना था। साल 1960 तक पहुंचते-पहुंचते यह दुनिया का सबसे बड़ा पागलखाना माना जाने लगा। उस समय यहां 12 हजार से ज्यादा मरीजों का एक साथ इलाज किया जाता था ।

पागलखाने के मैदान में 25 हजार से ज्यादा मरीजों को दफ़नाया जा चुका है

हालांकि यह भी एक तथ्य है कि इस हॉस्पिटल में बड़े ही क्रूर तरीके से मरीजों को रखा जाता था। बच्चों को लोहे से बने पिंजड़े में बंद रखा जाता था जबकि बड़ों को जबरदस्ती स्टीम बाथ और ठंडे पानी से नहाने के लिए कहा जाता था। इस पागलखाने के मैदान में 25 हजार से ज्यादा मरीजों को दफनाया जा चुका है। यहां उन मरीजों के नाम की मेटल से बनी प्लेट गड़ी हुई हैं।

हजार एकड़ में बना था अस्पताल

समय के साथ धीरे-धीरे इस हॉस्पिटल की हालत काफी खराब हो गई, यहां लोगों की संख्या में कमी होने लगी। हालत यह हो गई कि करीब हजार एकड़ में बने अस्पताल की 200 से ज्यादा खाली पड़ी इमारतों में भूत पकड़ने वाले लोग आने लगे। लोगों का कहना है कि खाली हिस्से भूतिया हैं। और वहां भूतों का वास है।

अभी भी होता है 300 लोगों का इलाज

इस समय पूरे हॉस्पिटल का सिर्फ एक छोटा सा हिस्सा एक्टिव है जिसमें करीब 300 लोगों का इलाज चलता है। अब इलाज के तरीकों में काफी बदलाव किया गया है। जनवरी 2020 में लोगों का हॉस्पिटल का एक ऑफिशियल टूर करवाया गया। इसके बाद से हर महीने एक बार अस्पताल को टूर के लिए खोल दिया गया है।

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