राजस्थान चुनाव में कांग्रेस का जहाज डूब चुका है। शुरूआती रुझानों में बीजेपी पार्टी बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करती हुई नजर आई। बीजेपी लगभग 109 सीटों पर आगे चल रही थी। कांग्रेस की बात करें तो 74 सीटों और अन्य 18 सीटों पर आगे चल रही हैं। उसके बाद बीजेपी ने आखिरी मे 113 सीटों पर जीत हासिल कर ली, उसके बाद कांग्रेस की विदाई तय हो गई जोकि अशोक गहलोत के लिए बहुत बड़ा झटका है। आइए जानते हैं वो तीन बड़े मुद्दे जो अशोक गहलोत को ले डूबे…
कांग्रेस चुनाव के कुछ महीने पहले सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच लंबी गुटबाजी चली। दोनों नेताओं के बीच चली इस खींचतान से पार्टी हाईकमान भी नाराज था। वहीं, कार्यकर्ताओं पर इसका असर पड़ा और जनता के बीच गलत संदेश गया। हालांकि चुनाव के समय दोनों नेता जनता को यह संदेश देते नजर आए कि हम दोनों एक हैं लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
राजस्थान चुनाव में बीजेपी ने उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड का मुद्दा खूब उठाया। उदयपुर, मारवाड़ रीजन में आता है। राजस्थान की राजनीति में बोला जाता है कि जो मेवाड़ जीता, वह राजस्थान जीता। बीजेपी को चुनावों में मिल रही जीत के पीछे कन्हैयालाल हत्याकांड के साथ ही कानून-व्यवस्था के मुद्दे का भी अहम रोल माना जा रहा है।
अशोक गहलोत की सरकार ने चुनावी साल में कई चुनावी दांव चले लेकिन उन पर भ्रष्टाचार के आरोप भारी पड़े। गहलोत ने चिरंजीवी योजना के तहत हेल्थ इंश्योरेंस की लिमिट बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने का वादा किया। लेकिन 500 रुपए में गैस सिलेंडर समेत कई वादों पर पेपर लीक, लाल डायरी और भ्रष्टाचार के आरोप कांग्रेस को ले डूबे। बीजेपी ने अपनी कई रैलियों में पेपर लीक मामले को उठाया और कांग्रेस सरकार को जमकर घेरा था।