इस्तीफे के बाद सिद्धू ने कहा, “हमेशा पंजाब के मुद्दों की लड़ाई लड़ी, पद का कोई मुद्दा नहीं रहा…”

What may have triggered Navjot Singh Sidhu's resignation as Punjab Congress  chief | India News - Times of India

नई दिल्ली। क्रिकेट के मैदान से लेकर सियासी मैदान तक नवजोत सिंह सिद्धू हमेशा से ही बीच में खेल छोड़ने की रणनीति के लिए जाने जाते हैं। अपनी इसी आदत को बरकरार रखते हुए सिद्धू ने मंगलवार को अपने प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है। अपने इस्तीफे के बाद उन्होंने एक वीडियो ट्वीट कर संदेश जारी किया है। सिद्धू का कहना है कि वह अपने मुद्दों से समझौता नहीं कर सकते हैं और अपने हक की लड़ाई वह लड़ते रहेंगे। कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद भी पंजाब कांग्रेस में सुलह होती नज़र नहीं आ रही है बल्कि राज्य में सियासी हलचल तेज होती दिख रही है।

वीडियो ट्वीट कर जारी किया बयान

मंगलवार को अपने इस्तीफे के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने अपना पहला बड़ा बयान जारी किया है। उन्होंने एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है कि, “हक-सच की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ता रहूंगा” सिद्धू का कहना है कि यह उनकी निजी लड़ाई नहीं है। वह हमेशा से मुद्दों पर अपनी लड़ाई लड़ते आए हैं। वह पंजाब की बेहतरी के एजेंडे के साथ खड़े हैं और वो अपने मुद्दों के साथ समझौता नहीं कर सकते हैं।

पंजाब में सियासी घमासान तेज

पटियाला में सिद्धू के घर के बाहर सुबह से ही हलचल देखने को मिल रही है। पूर्व कैबिनेट मंत्री परगट सिंह और अमरिंदर सिंह राजा सुबह 7 बजे ही सिद्धू के घर उनसे मिलने पहुंचे। सिद्धू से मिलने पहुंचे मंत्रियों का कहना है कि कुछ छोटे मुद्दे हैं, गलतफहमियों से पैदा हुए हैं। जिन्हें जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। तो वहीं दूसरी तरफ नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अपनी पहली कैबिनेट मीटिंग बुलवाई। पहले यह बैठक 1 अक्टूबर को होनी थी। लेकिन पंजाब के मौजूदा सियासी हालातों को देखते हुए यह बैठक आज ही आयोजित की गई। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान ने अभी तक सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।

पंजाब में जारी इस्तीफों का दौर

बता दें कि सिद्धू के इस्तीफे के बाद पंजाब में इस्तीफों का सिलसिला शुरू हो चुका है। सिद्धू की करीबी मानी जाने वाली कैबिनेट मंत्री रज़ीया सुल्ताना ने भी कल मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। सिद्धू के समर्थन में पंजाब कांग्रेस महासचिव गौतम सेठ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। पहले महासचिव के पद से योगिंदर ढींगरा ने इस्तीफा दिया था। इससे पहले पंजाब कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष गुलजार इंदर चहल ने भी इस्तीफा दिया था।

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