उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भले ही सवा साल बाकी हो, लेकिन राजनीतिक दलों ने अभी से सियासी कसरत शुरू कर दी है. बीजेपी की प्रदेश इकाई ने साल 2022 की सियासी जंग फतह करने के लिए कमर कस ली है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह ने रविवार को पार्टी प्रदेश पदाधिकारियों संग बैठक कर सभी के काम बांटकर उन्हें मोर्चे पर लगा दिया है.
वहीं, बीजेपी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के लिए बूथ स्तर के कामों को नए सिरे से आवंटित करने पर भी वरिष्ठ नेताओं ने मंथन किया. माना जा रहा है कि जल्द ही पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को नए सिरे से कार्यक्रम की जिम्मेदारी दी जाएगी. हालांकि, पंचायत चुनाव में भगवा ध्वज फहराने के लिए बीजेपी ने खास रणनीति बनाई है और उसके लिए बकायदा अपने मजबूत सिपहसलारों को लगाया है.
इन नेताओं को दी गई जिम्मेदारी
प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह द्वारा प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर को पश्चिम क्षेत्र, गोविन्द नारायण शुक्ला को प्रदेश मुख्यालय, अश्वनी त्यागी को ब्रज, अमरपाल मौर्य को अवध, सुब्रत पाठक को काशी, अनूप गुप्ता को गोरखपुर, प्रियंका सिंह रावत को कानपुर-बुन्देलखण्ड क्षेत्र का प्रभारी घोषित किया गया. बैठक में तय किया गया कि पंचायत चुनाव को लेकर जिला स्तर पर बैठकें आयोजित की जाएगीं. ये बैठकें प्रमुख पदाधिकारियों की मौजूदगी में आगामी 7 से 17 जनवरी तक होंगी.
इसके साथ ही बैठक में क्षेत्रीय प्रभारी नियुक्त किये गए और पार्टी ने स्वामी विवेकानंद की जयंती 12 जनवरी को युवा मोर्चा द्वारा जिला स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करने की भी योजना तैयार की. प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि पंचायत चुनाव बीजेपी की प्राथमिकता है. मोदी और योगी सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए पार्टी योग्य उम्मीदवारों का चयन करेगी. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ईमानदार, निष्ठावान एवं गांव के विकास के लिए समर्पित लोगों के चुनकर आने से ही पूर्ण सार्थकता प्राप्त होगी. इसलिए पंचायत चुनाव बीजेपी की प्राथमिकता है.
योजनाओं को जनता तक पहुंचाएंगे
बीजेपी प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने कहा कि विजय के संकल्प के साथ पार्टी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उतरेगी. पार्टी के एक-एक कार्यकर्ता मोदी और योगी की जनकल्याणकारी योजनाओं का संवाहक बनकर जनता के दरबार में पहुंचेगें. प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पंचायत चुनाव प्रभारी विजय बहादुर पाठक ने बैठक में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अब तक हुए कार्यों का ब्योरा रखा.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी पंचायत चुनाव के लेकर काफी गंभीर है. माना जा रहा है कि मार्च में पंचायत चुनाव कराए जा सकते हैं. उत्तर प्रदेश में पहली बार पंचायत चुनाव में राजनीति दल बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे हैं. इसमें सत्ताधारी बीजेपी से लेकर कांग्रेस, सपा, बसपा, अपना दल, आम आदमी पार्टी और AIMIM सहित तमाम विपक्षी पार्टियां अपनी किस्मत आजमाने की जुगत में हैं.
उत्तर प्रदेश की कुल 59,163 ग्राम पंचायतों के मौजूदा ग्राम प्रधानों का कार्यकाल 25 दिसंबर को पूरा हो गया है. वहीं, 3 जनवरी 2021 को जिला पंचायत अध्यक्ष जबकि 17 मार्च को क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा है. ऐसे में प्रदेश में एक साथ ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, 823 ब्लाक के क्षेत्र पंचायत सदस्य और 75 जिले पंचायत के सदस्यों के 3200 पदों पर चुनाव कराए जाने हैं.
यूपी चुनाव आयोग सूबे के पंचायत चुनाव को मार्च में हर हाल में कराने की तैयारी में है. ऐसे में फरवरी के दूसरे या तीसरे हफ्ते में यूपी पंचायत चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी की जा सकती है. सूबे के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बीजेपी ने अपने सिंबल या फिर पार्टी अधिकृत प्रत्याशी उतारने की दिशा में मन बना लिया है. बीजेपी ने पंचायत चुनाव के जरिए गांव स्तर पर नेतृत्व तैयार करने के लिए की रणनीति बनाई है.