अमर भारती : देश के शिक्षा बोर्ड सीबीएसई ने अपने स्कूलों में आठवीं कक्षा से आर्टिफिशल इंटेलिजेंस विषय को शुरू करने का एक अहम फैसला किया है। इसके लिए सीबीएसई ने ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ का पाठ्यक्रम भी तैयार कराया है। इसे ‘इंटेल’ की मदद से तैयार किया है। शायद सीबीएसई दुनिया में पहला बोर्ड होगा जिसने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर पाठ्यक्रम तैयार किया है।
इसको लेकर सीबीएसई की अध्यक्ष अनिता करवाल ने बताया कि हमने शैक्षणिक सत्र 2019-20 से 9वीं कक्षा से वैकल्पिक विषय के रूप में ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ को रखा गया है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही आठवीं कक्षा में हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय को पेश करने जा रहे हैं। अब तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का कहीं भी सुव्यवस्थित पाठ्यक्रम नहीं बना है।
इस स्कूल पाठ्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अलावा योग और प्रारंभिक बाल्यावस्था में देखभाल की शिक्षा जैसे नए विषयों को शामिल किया गया है। ये विषय इस महीने से कोर्स में शामिल हो सकते हैं। आपको बता दें कि 2019-20 सत्र से नौवीं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वैकल्पिक छठे विषय के तौर शुरू किया जाएगा। बाकी दोनों कोर्स माध्यमिक स्तर पर वैकल्पिक विषय के तौर पर शुरू किए जाएंगे।
गौरतलब है कि योगा प्रोफेशनल की बढ़ती मांग को देखते हुए और प्रारंभिक बाल्यावस्था एजुकेटर के ये कोर्स शुरू किए गए हैं। एक तरफ योग जहां हेल्दी माइंड और हेल्दी बॉडी के लिए योग बहुत ही जरूरी है। वहीं प्रारंभिक बाल्यावस्था की पढ़ाई का महत्व इसलिए हैं क्योंकि इससे नर्सरी और केजी के जरिए बच्चे को आगे बढ़ने में मदद मिल सकती है। 8वीं में 12 घंटे के एआई ‘इंस्पायर मॉड्यूल’ की तैयारी है। बोर्डकी गवर्निंग बॉडी के सदस्य के मुताबिक फेल होने की स्थिति में ये विषय मूल विषय को स्थानांतरित कर सकते हैं।