मधुमेह के रोगी बरतें विशेष सतर्कता अगर पैरों में होता है दर्द

नई दिल्‍ली। सिर्फ कुछ ही लोगों के पैरों में चलने पर दर्द महसुस होता है और चलना बंद कर देने पर दर्द भी चला जाता है लेकिन फिर चलने पर फिर से दर्द होने लगता है। और कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके पैरों में दर्द चलने के दौरान कम हो जाता है, लेकिन लेटने पर बढ़ जाता है। यदि आप मधुमेह के साथ जी रहे हैं या फिर धूम्रपान व तंबाकू का सेवन करते हैं तो पैरों व टांगों में हो रहे दर्द को नजंदज ना करें ।

समय के साथ ये समस्या इतनी बढ़ सकती है कि आपको अपना पैर भी गंवाना पड़ सकता है। लोगों को यह भ्रम रहता है कि मधुमेह का पैरों से कोई संबंध नहीं है। उसी तरह से धूमपान का सेवन करने वाले लोग यह समझते हैं कि धूम्रपान से सिर्फ फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है जबकि धूम्रपान और तंबाकू का सेवन करने वालों को गैंगरिन का भी खतरा होता है। मधुमेह व धुम्रपान दोनों मिलकर पैरों को बहुत तेजी से नुकसान पहुंचाते हैं।

क्यों होता है दर्द

जब धमनियां किसी वजह से शुद्ध रक्त की आवश्यक मात्रा पैरों में नहीं पहुंचा पातीं तो चलने में दर्द शुरू हो जाता है, क्योंकि चलने से या पैरों का व्यायाम करने से शुद्ध आक्सीजन की मांग बढ़ जाती है, जो धमनियां पूरी नहीं कर पाती हैं।

डायबिटीज व धूम्रपान

डायबिटीज के कारण धमनी की दीवारों पर चर्बी व कैल्शियम जमा होने लगता है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है। इसी तरह धूम्रपान व तंबाकू का सेवन भी इस समस्या को बढ़ाने में कारक बनता है। तंबाकू में निकोटिन पाया जाता है, जो धमनियों में सिकुड़न ला देता है और पैरों तक जाने वाले रक्त प्रवाह को काफी कम कर देता है।

शिराएं भी परेशान

पैरों में दर्द का कारण वेन्स यानी शिरा का रोग भी है। जब धमनियों द्वारा पैरों तक पहुंचाया गया शुद्ध रक्त आक्सीजन देने के बाद अशुद्ध हो जाता है तो यही शिराएं दोबारा से उस अशुद्ध रक्त को फेफड़े तक पहुंचाने का काम करती हैं तो यह अशुद्ध रक्त पैरों में इकट्ठा होकर पैरों में दर्द का कारण बनता है।

नीले रंग की नसो को नजरअंदाज न करे

पैरों में दर्द होने का एक और कारण वेरिकोज वेन्स है। ये मकड़ी के जालेनुमा और नीले रंग की आकृति के रूप में होते हैं। ये जांघों या घुटनों के पीछे बनते हैं। अगर समय रहते इनका उपचार न कराया जाए तो ये पैरों में गहरे काले निशान व लाइलाज घाव का रूप ले लेता है। इसलिए पैरों में दर्द हो रहा हो या नीले रंग की नसें दिखने लगें तो इसे नजरअंदाज करने के बजाय वैस्कुलर सर्जन से परामर्श लेना चाहिए।

शिराओं में रक्त का जमाव

पैरों में दर्द होने का कारण शिराओं के अंदर रक्त के कतरे जमा हो जाना भी है। इसकी वजह से शिराओं का काफी हिस्सा पूरी तरह बंद हो जाता है और रक्त के ऊपर चढ़ने की क्रिया बाधित हो जाती है। इससे पैरों में लगातार दर्द बना रहता है। पैरों में लगातार दर्द की समस्या होने पर वैस्कुलर सर्जन से सलाह लें।

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