पूर्व राज्यसभा सांसद और संपादक चंदन मित्रा का निधन, पीएम ने दी श्रद्धांजलि

Former Rajya Sabha member Chandan Mitra passes away| national News in Hindi  | राज्य सभा के पूर्व सदस्य चंदन मित्रा का निधन

नई दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार, संपादक और राज्य सभा की पूर्व सांसद चंदन मित्रा का निधन हो गया है। चंदन मित्रा 65 साल के थे और पिछले कुछ समय से वह बीमार चल रहे थे। उनके बेटे कुशान मित्रा ने ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी दी।

पीएम ने जताया शोक

चंदन मित्रा के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, “श्री चंदन मित्रा जी को उनकी बुद्धि और अंतर्दृष्टि के लिए याद किया जाएगा. उन्होंने मीडिया के साथ-साथ राजनीति की दुनिया में भी अपनी पहचान बनाई. उनके निधन से आहत हूं. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना. ओम शांति.”

भाजपा छोड़ टीएमसी में हुए थे शामिल

मित्रा अगस्त 2003 से 2009 तक राज्यसभा के नामित सदस्य थे। जून 2010 में, भाजपा ने उन्हें मध्य प्रदेश से उच्च सदन के लिए चुना। उनका कार्यकाल 2016 में समाप्त हो गया। वह पार्टी के दिग्गज लालकृष्ण आडवाणी के करीबी सहयोगी थे, लेकिन नरेंद्र मोदी-अमित शाह नेतृत्व ने उन्हें दरकिनार कर दिया था।शायद यही वजह थी कि जुलाई 2018 में, द पायनियर के संपादक और प्रबंध निदेशक मित्रा भाजपा छोड़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए।

बंगाल के लिए काम करने के उद्देश्य से हुए थे टीएमसी में शामिल

बता दें कि 2018 में मित्रा भाजपा का साथ छोड़ उसी टीएमसी की तरफ हो लिए थे जिस पार्टी ने एक समय पर उम्हें बंगाल में ‘आंतक का शासन’ करने का दोषी ठहराया था। हालांकि मित्रा ने टीएमसी में शामिल होते समय कहा था कि “मुझे भाजपा के खिलाफ कोई कड़वाहट नहीं है, लेकिन मैं और अधिक निराश महसूस कर रहा था कि मैं अपने गृह राज्य में बदलाव लाने के मामले में बहुत कुछ नहीं कर पा रहा था। 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ने के बाद यह भावना और मजबूत हुई हो गई है। मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद के रूप में, मैं राज्य को कोई फंड भी नहीं दे सका। मैंने पाया कि लोगों के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की स्वीकार्यता को देखते हुए, मेरे गृह राज्य (बंगाल) में काम करने के लिए सबसे उपयुक्त साधन तृणमूल कांग्रेस में शामिल होना होगा।”

मित्रा ने कोलकाता में द स्टेट्समैन के साथ अपना पत्रकारिता का सफर शुरू किया, फिर दिल्ली में टाइम्स ऑफ इंडिया में चले गए और बाद में द संडे ऑब्जर्वर में एक संपादक के रूप में काम किया। उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स के साथ कार्यकारी संपादक के रूप में भी काम किया। इसके बाद, वह द पायनियर में शामिल हो गए।

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