भारतीय रेलवे ने इसी साल 7 अगस्त को किसान रेल की शुरुआत की थी. उसके बाद से सिर्फ 5 महीने के भीतर अब 100वीं किसान रेल आज रवाना हुई, जिसे पीएम मोदी ने आज हरी झंडी दिखाई.
इस मौके पर केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने स्पष्ट कहा कि हमारी सरकार मानती है कि किसानों की समृद्धि ही देश की समृद्धि है. इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी के इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए उन्हें धन्यवाद भी दिया.
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि मैं सबसे पहले देश के करोड़ों किसानों को बधाई देता हूं. अगस्त महीने में देश की पहली किसान और खेती के लिए पूरी तरह से समर्पित रेल शुरू की गई थी. आज 100वीं किसान रेल थोड़ी देर पहले महाराष्ट्र के संगोला से पश्चिम बंगाल के शालीमार के लिए रवाना हुई है. इससे पश्चिम बंगाल के किसानों, पशुपालकों, मछुआरों की पहुंच मुंबई, पुणे, नागपुर जैसे महाराष्ट्र के बड़े बड़े बाजारों तक हो गई है.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि भंडारण और कोल्ड स्टोरेज के अभाव में देश के किसान का नुकसान हमेशा से बड़ी चुनौती रहा है. हमारी सरकार भंडारण कि आधुनिक व्यवस्था पर, सप्लाई चैन के आधुनिकीकरण पर, करोड़ों के निवेश के साथ-साथ, किसान रेल की नई पहल भी कर रही है.
किसानों के प्रति सरकार की निष्ठा की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये काम किसानों की सेवा के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है. ये इस बात का भी प्रमाण है कि हमारे किसान नई संभावनाओं के लिए कितनी तेजी से तैयार हैं. किसान, दूसरे राज्यों में भी अपनी फसलें बेच सकें, उसमें किसान रेल और कृषि उड़ान की बड़ी भूमिका है.
100वीं किसान ट्रेन कहां से कहां तक
100वीं किसान रेल थोड़ी देर में पीएम मोदी द्वारा रवाना की जाएगी. यह महाराष्ट्र के सांगोला से पश्चिम बंगाल के शालिमार तक चलेगी. 2132 किमी की दूरी यह ट्रेन 40 घंटे से कम समय में तय करेगी. इस ट्रेन के द्वारा संगोला के अनार, नागपुर के संतरे तथा जेउर, बेलवंडी, कोपरगांव के खरबूजा पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर तक पहुंचेंगे. इस ट्रेन से फलों-सब्जियों जैसे ऐसे आइटम की ढुलाई की जाती है जो जल्दी खराब हो जाते हैं.
क्या है खासियत
किसान रेल में रेफ्रिजरेटेड कोच लगे होंगे. इसे रेलवे ने 17 टन की क्षमता के साथ नए डिजायन के रूप में निर्मित करवाया है. इसे रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में बनाया गया है. इस ट्रेन में कंटेनर फ्रीज की तरह होते हैं. मतलब यह एक चलता-फिरता कोल्ड स्टोरेज होता है, इसमें किसान खराब होने वाले सब्जी, फल, फिश, मीट, मिल्क आदि रख सकते हैं.
इससे सब्जियों, फलों, मांस, मछली और दूध जैसे जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों को इनके पैदावार वाले इलाकों से उन इलाकों में पहुंचाया जाएगा जहां इनका अच्छा बाजार है.