शाह की दिल्ली में इण्ट्री से चढ़ा चुनावी बुखार

प्रमोद पप्पू मिश्र

अमर भारती : अमित शाह हमेशा कुछ नया करते हैं। दिल्ली की राजनीति में भी उन्होंने भूचाल ला देने वाली स्थिति पैदा कर दी है। कल ही वे जनता के बीच नागरिकता कानून की बारीकियां समझाने उतरे और आज ही दिल्ली में चुनावी तिथि का एलान हो गया यानि आज से सभी तरह की मुफ्तखोरी के विज्ञापन जारी करने पर पूरी तरह तरह से रोक लग गयी है। आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के साथ ही अब दिल्ली विधानसभा चुनाव की खुमारी बढ़ गयी है-देखना दिलचस्प होगा कि कौन किस पर भारी पड़ता है।

1073 अनियमित कालोनियों के नियमन का दांव कितना असर करेगा इसके साथ ही यह भी तय होगा कि देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कितना जलवा कायम है। दिल्ली भाजपा में मनोज तिवारी के बाद डा. हर्ष वर्धन को आगे करने का मैनेज फार्मूला चला है लेकिन भीतरघात में चर्चाएं तेज हैं कि नगर निगम चुनावों और लोकसभा चुनाव में बम्पर जीत दिलाने वाले प्रदेश अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी को हल्के में लिया गया तो रमेश विधूड़ी जैसे चेहरे अभी सक्रिय है जो पूर्वांचलियों के प्रति दुराग्रह रखने का प्रमाण दे चुके हैं।

21 साल का पुनर्वास झेलने के बाद सत्ता की दहलीज पर खड़ी भाजपा के सामने क्रांतिकारी फैसले लेकर तहलका मचा देने वाली राजनीति लेकर आई आम आदमी पार्टी है। उज्जवला योजना के तहत सभी गरीबों को रसोई गैस देने की योजना से सभी कब तक जुड़ पाएंगे-कोई स्पष्ट नीति नहीं है। डाकिया डाक बाबू कब बनेगा-यह भी मोदी सरकार की ऐसी घोषणा है जिस पर कुछ प्रगति दिखायी नहीं दे रही है। बैंकों से मिलने वाले मुद्रा लोन की हालत इसी से समझी जा सकती है जब कई सारे बैंक बन्द होकर एक में मर्ज हो जाएंगे तो फिर कर्जा मिलना कितना आसान रह जाएगा। आयुष्मान भारत योजना और प्रधानमंत्री शहरी गरीब आवास योजना लागू करने के लिए केजरीवाल सरकार पर घेरते हुए भाजपा हमलावर मोड में जरूर रहने वाली है और नगर निगमों को दिल्ली सरकार द्वारा फण्ड न जारी किए जाने को बड़ा मुद्दा बनाएगी।

अनियमित कालोनियों के नियमन का दांव भाजपा के पास तुरूप का पत्ता है जिसका वह कितना प्रयोग कर पाती है-देखना दिलचस्प होगा। दिल्ली सरकार में पांच साल तक शासन करने वाली आम आदमी पार्टी सरकार डिनर लंच के जरिए डेढ़ करोड़ इकट्ठा कर चुकी है और अन्य व्यवस्थाएं भी जारी हैं तो दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने पूरी ताकत झोंक दी है। 600 यूनिट बिजली सभी को मुफ्त दिए जाने के साथ ही वृद्वावस्था और पेंशन राशि प्रतिमाह 5000 रूपए किए जाने का एलान किया है।

तीर तरकश से भले ही निकल चुका है मगर सीएए और एनआरसी पर अगर मुस्लिम वोटर कांग्रेस की ओर खिसके तो आम आदमी पार्टी के जनाधार पर गहरा असर होगा जिसका सीधा फायदा भाजपा को मिल सकता है। काडर वोटरों के सहारे वह दिल्ली के सत्ता के द्वार तक पहुंच सकती है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिल्ली में चुनाव की कमान संभालने के बाद अब पूरी तरह तस्बीर साफ हो गयी है। 8 फरवरी को मतदान होगा और 11 फरवरी को मतगणना की घोषणा की जाएगी।