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भगवान महावीर स्वामी की चातुर्मास भूमि अतिशय क्षेत्र आसई में प्रथम बार महामस्तकाभिषेक एवं जिनेन्द्र महाअर्चना- Amar Bharti Media Group धर्म

भगवान महावीर स्वामी की चातुर्मास भूमि अतिशय क्षेत्र आसई में प्रथम बार महामस्तकाभिषेक एवं जिनेन्द्र महाअर्चना

इटावा। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में गणाचार्य श्री 108 विराग सागर जी महाराज के परमप्रिय शिष्य आध्यात्म गुरु मुनि श्री 108 विहसंत सागर जी महाराज (ससंघ) का वर्षायोग समपन्न हो रहा है।

आध्यात्म गुरु मुनि श्री 108 विहसंत सागर जी महाराज (ससंघ) जैन मंदिरों का भम्रण कर रहे हैं। इसी क्रम में आध्यात्म गुरु मुनि श्री 108 विहसंत सागर महाराज (ससंघ) के सानिध्य में इटावा से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित आसई जैन तीर्थक्षेत्र के श्री दिगंबर जैन मंदिर में आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

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प्रात:काल आसई अतिशय क्षेत्र संग्रहालय का भूमि पूजन मंत्रों द्वारा किया गया। तदोपरान्त मेडिटेशन गुरु मुनि श्री 108 विहसंत सागर जी महाराज द्वारा अपने श्रीमुख से भगवान की शांतिधारा करवाई गई।

उसके बाद मुनिश्री ने प्रवचन में कहा कि भगवान महावीर स्वामी की चातुर्मास भूमि अतिशय क्षेत्र आसई में प्रथम बार महामस्तकाभिषेक एवं जिनेन्द्र महाअर्चना की गई है। यह प्रतिमा बहुत ही अतिशयकारी है। प्रवचनों के बाद शांतिनाथ विधान संगीत के साथ संपन्न हुआ।

पं. सदीप शास्त्री मेहगांव और पं. मनीष शास्त्री इटावा ने विधान सम्पन्न करवाया। आध्यात्म गुरु विहसंत सागर जी महाराज के सानिध्य में गरीब ग्रामवासियों को सामग्री वितरण की गई।

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जिसमें मंदिर कमेटी के अध्यक्ष अनिल जैन, महामंत्री कमल जैन, कोषाध्यक्ष महावीर जैन,  निर्मल जैन, राजीव जैन, महेंद्र जैन, मनोज जैन, रीतेश जैन, सुमन जैन, विनय जैन आदि पदाधिकारी और सदस्यगणों सहित सकल दिगंबर जैन समाज मौजूद रहा। आयोजन में दिल्ली, आमायन, भिंड आदि जगहों से भी भारी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही।