कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर आग्रह किया कि उन करीब दो लाख नौजवानों के साथ न्याय किया जाए जिनका ‘‘चयन सेना की नियमित सेवा में होने की बावजूद उनकी भर्ती नहीं की गई।” उन्होंने दावा किया कि सरकार द्वारा इनकी भर्ती रोककर ‘‘अग्निपथ” योजना लाई गई जिसके कारण इन युवाओं को पीड़ा झेलनी पड़ रही है।
खरगे ने पत्र में लिखा, ‘‘ हाल ही में मैं इन नौजवानों से मिला। उन्होंने मुझे बताया कि 2019 और 2022 के बीच लगभग दो लाख अभ्यर्थियों को सूचित किया गया था कि उन्हें तीन सशस्त्र सेवाओं- सेना, नौसेना और वायु सेना में चयनित कर लिया गया है। इन युवाओं ने कठिन मानसिक और शारीरिक परीक्षण तथा लिखित परीक्षा पास करने के लिए सभी बाधाओं के बावजूद संघर्ष किया था।” उन्होंने कहा, ‘‘ 31 मई 2022 तक उन्हें विश्वास था कि उन्होंने अपने सपने पूरे कर लिए हैं और उन्हें केवल अपने नियुक्ति पत्र का इंतजार था। उस दिन भारत सरकार द्वारा इस भर्ती प्रक्रिया को समाप्त करने और इसके स्थान पर अग्निपथ योजना लागू करने के निर्णय से उनके सपने चकनाचूर हो गये।”