चित्रकूट: बीमार नर्स की मौत, परिजनों का अस्पताल में हंगामा

चित्रकूट जिले में मानिकपुर कस्बे की बीमार नर्स की एंबुलेंस से लाते समय रास्ते में मौत हो गई।

जिला अस्पताल पहुंचे परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा किया। इनका कहना था कि एंबुलेंस में ऑक्सीजन नहीं थी।

ऑक्सीजन होती तो जान बच सकती थी। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टर और स्टाफ ने छूने से इंकार कर दिया। परिजन एंबुलेंस कर्मियों और डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग को लेकर शव को आपातकालीन गेट पर रख कई घंटे तक बैठे रहे। परिजनों ने मानिकपुर के डॉक्टर व स्टाफ पर भी कार्रवाई की मांग की है।

आरोप लगाया कि यहां से बिना इलाज के जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहीं सीएमएस ने बताया कि अस्पताल पहुंचने पर नर्स की डॉक्टर और स्टाफ ने दो बार जांच की थी। नर्स को मृत अवस्था में लाया गया था। वह वाराणसी के एक अस्पताल में काम करती थी। एक दिन पहले घर लौटी थी।

मानिकपुर थाना क्षेत्र के शिवनगर में कापी किताबों की दुकान करने वाले अरुण अग्रहरी की बेटी पूजा (23) वाराणसी शहर में प्राइवेट नर्सिंग (मानसिक रोग विशेषज्ञ) अस्पताल में नर्स थी। पिता ने बताया कि बेटी की वाराणसी में तबीयत बिगड़ गई थी। वह दो अगस्त को मानिकपुर लौट आई। उसे पेटदर्द, खांसी व सांस लेने में समस्या थी।

सोमवार को हालत ज्यादा खराब होने पर मानिकपुर सीएचसी ले जाया गया। यहां से जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। उसे सरकारी एंबुलेंस से जिला अस्पताल लाया जा रहा था। मृतका के भाई विनय और अमन अग्रहरि ने बताया कि पूजा को एंबुलेंस में ऑक्सीजन लगाई गई थी। यह रास्ते में खत्म हो गई। दूसरा सिलिंडर नहीं था। मुख्यालय पहुंचने से पहले खोह गांव के पास मौत हो गई।  

जिला अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ ने छुआ भी नहीं। अस्पताल भवन के बाहर कर दिया गया। परिजनों ने कहा कि एंबुलेंस में ऑक्सीजन खत्म न होती तो पूजा की जान नहीं जाती।  डॉक्टर और स्टाफ पर कार्रवाई के बाद ही शव ले जाएंगे। जानकारी पर सीएमएस डॉ. आरके गुप्ता मौके पर पहुंचे। अस्पताल की पुलिस चौकी को सूचना देकर सुरक्षा व्यवस्था कराई गई है।

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सीएमएस बोले, डॉक्टर और फार्मासिस्ट ने देखा था

सीएमएस डॉ. आरके गुप्ता ने बताया कि आरोप गलत हैं। मृतका को खांसी व पेटदर्द की बात परिजनों ने बताई थी। एंबुलेंस के जिला अस्पताल पहुंचने की जानकारी पर ड्यूटी पर मौजूद डॉ.सत्यसिंह व फार्मासिस्ट राजेंद्र सिंह ने बाहर आकर देखा था। मृत होने की जानकारी देकर अंदर चले गए।

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इसके बाद परिजन शव को एंबुलेंस से नीचे उतारकर हंगामा करने लगे। स्टाफ को गालियां दीं। इसके बाद फिर डॉक्टर और फार्मासिस्ट ने जांच पड़ताल की। एंबुलेंस में ऑक्सीजन न होने या खत्म होने के सवाल पर कहा कि एंबुलेंस का संचालन लखनऊ से होता है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों को जानकारी दी गई है। कहा कि सरकारी नियमों के अनुसार मृतका का सैंपल नहीं लिया जाएगा। इसके पहले परिजनों ने कहीं जांच कराई हो तो पता नहीं।