Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wp-statistics domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the updraftplus domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114
सौहार्द और सद्भावना का पर्व है क्षमावाणी: श्री पुनीत चैतन्यमति माताजी- Amar Bharti Media Group धर्म

सौहार्द और सद्भावना का पर्व है क्षमावाणी: श्री पुनीत चैतन्यमति माताजी

श्री दि.जैन त्रियोग आश्रम, सम्मेद शिखरजी सिद्ध क्षेत्र, मधुबन में प.पू. स्थविराचार्य 108 श्री संभवसागरजी गुरुदेव ससंघ एवं योगश्रमणी आर्यिका 105 श्री पुनीत चैतन्यमति माताजी के मंगल सान्निध्य में 23 अगस्त से 01 सितम्बर तक दस लक्षण पर्व संगीतमयी पूजन विधान, तत्वार्थ सूत्र का वाचन एवं विवेचन, मंगल प्रवचन, भजन व सांस्कृतिक कार्यक्रम सफलता पूर्वक सानन्द सम्पन्न हुआ।

दिनांक 02 सितम्बर को आश्रम में क्षमावाणी पर्व क्षमा के रूप में मनाया गया। पूज्य गुरुदेव एवं माताजी ने क्षमा के विषय में मंगल प्रवचन दिया।

पुज्या माताजी ने कहा कि क्षमावाणी एक ऐसा पर्व है जिसमें विश्वमैत्री की भावना समाहित है। यह सौहार्द, सौजन्यता और सद्भावना का पर्व है।

ये पर्व आत्म शोधन का पर्व है। अन्तस की कालिमा को प्रक्षालित करने का पर्व है और कषाय विमोचन का पर्व है। माता जी ने बताया –

 

क्षमा मनुष्य का भूषण है, और क्षमा मानव का श्रृंगार।

क्षमा युक्त मानव ही जग में, सुख पाता दिव्य अपार।

क्षमा ही धर्म है, क्षमा ही यज्ञ है, वेद है व क्षमा ही शास्त्र है जो अपना स्वरूप पहचानता है, वह सबको क्षमा कर सकता है। क्षमा विहीन व्यक्ति जो कुछ पुण्यकर्म करता है, सब व्यर्थ हो जाता है। क्षमा और दया में क्षमा का स्थान श्रेष्ठ है।

दया का बीज भूमि में ही उगता है जबकि क्षमा का बीज पथरीली भूमि में भी उगता है। क्षमा करूणा के सागर से उत्पन्न हुआ मोती है। माता जी ने आगे पंक्तियों से क्षमा पर विश्लेषण किया और कहा कि –

 

जिसने जीवन में धर्म को धारा है, उसको ही मिला भव समुद्र का किनारा है।

जिसके पास धर्म का सहारा नहीं है, वह जीवन में हारा फिरता मारा मारा है।।

मानव को क्रोध से नहीं प्रेम से जीतो, क्रोध को क्रोध से नहीं क्षमा से जीतो।

तुम यदि दिल जीतना चाहते हो तो, अधिकार से नहीं समर्पण से जीतो।।

 

आश्रम के अधिष्ठाता बाल ब्रह्मचारी प्रदीप भैया, सलाहकार डिमापुर के श्री रवि सेठी और हावड़ा की सपना जैन ने फेसबुक लाइव से जुड़े सभी धर्म प्रेमी श्रद्धालुओं का धन्यवाद किया जिन्होंने बढ़ चढ़ कर घर बैठे पूजन अर्चना व प्रभु आराधना माता जी के सान्निध्य में की।

श्री रवि सेठी ने अमर भारती संवाददाताओं का विशेष धन्यवाद किया जो हर समय आश्रम से जुड़ी सभी खबरें जन जन तक पहुंचा रहे हैं।