किसान आंदोलन: करनाल में प्रशासन ने काटा पेड़ ताकि छांव में न बैठ सके किसान

करनाल में लघु सचिवालय के बाहर आंदोलनरत है किसान

नई दिल्ली। दिल्ली की सीमाओं पर 9 महीने तक भी आंदोलन की सांस न थमने देने वाले किसानों ने कुछ दिनों पहले हरियाणा की ओर आंदोलन करने का रूख किया। दरअसल बीते 28 अगस्त को हरियाणा के करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज और एक किसान सुशील काजल की हत्या के विरोध में एसडीएम आयुष सिंहा पर कार्रवाई की मांग करते हुए किसान लघु सचिवालय का घेराव करते हुए धरने पर बैठे हुए है। जिस बीच यह एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में दावा किया गया है कि जिस लघु सचिवालय के पास किसान अनिश्चितकाल के लिए धरने पर बैठे हैं, उस जगह के पास खड़े पेड़ की शाखाओं प्रशासन ने काट दिया। जिससे आंदोलनरत किसान छांव में न बैठ सके।

ट्विटर यूज़र ने जारी किया वीडियो

लघु सचिवालय के पास की इस सच्चाई को संदीप सिंह नाम के ट्विटर यूज़र ने ट्वीट कर जानकारी देते हुए कहा है कि – “चूंकि किसान करनाल मिनी सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और वे सीधी धूप से बचने के लिए पेड़ों की छाँव में बैठ जाते थे। हरियाणा प्रशासन ने किसानों की स्थिति को कठिन बनाने के लिए पेड़ की शाखाओं को काट दिया।”

दूसरे दिन भी वार्ता विफल

किसान आंदोलनों पर जिस तरह से सरकार और किसानों के बीच वार्ता विफल श्रंख्ला चली थी। इसी तरह करनाल में लघु सचिवालय का घेराव कर धरने पर बैठे किसानों की प्रशासन के बीच वार्ता लगातार दूसरे दिन भी बेनतीजा रही। करनाल एसडीएम के ‘सिर फोड़ने’ वाले बयान वायरल होने के बाद लाठीचार्ज से घायल हुए किसानों के लिए मुआवजे और एसडीएम आयुष सिंहा के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर किसान अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं।

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