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मैं हमेशा शतक नही बनाना चाहता और टीम को जीताना मेरा लक्ष्य - अजिंक्य रहाणे- Amar Bharti Media Group खेल

मैं हमेशा शतक नही बनाना चाहता और टीम को जीताना मेरा लक्ष्य – अजिंक्य रहाणे

अमर भारती : एंटीगा टेस्ट के प्रथम दिवस वेस्टइंडीज ने टॉस जीत गेंदबाजी का फैसला लिया। टीम इंडिया पहले दिन 6 विकेट खोकर 203 रन ही बना सकी। हालांकि अजिंक्य रहाणे ने 81 रनों की बहुमूल्य पारी खेलकर किसी तरह टीम इंडिया को संभाला, लेकिन वो शतक नही जड़ पाए। शतक से चूकने पर जब रहाणे से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वो शतक चूकने से परेशान नहीं हैं क्योंकि वो टीम के लिए खेलते हैं ना कि खुद के लिए।

रहाणे ने कहाः ‘जब तक मैं मैदान पर होता हूं तब तक सिर्फ टीम के बारे में सोचता हूं। मैं सिर्फ टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं और शतक के बारे में नहीं सोचता, क्योंकि मैं स्वार्थी नहीं हूं। मैं शतक से चूकने के बारे में बिल्कुल भी परेशान नहीं हूं, ना हीं इसका मुझे कोई दुख है, क्योंकि मुझे लगता है कि इस विकेट पर 81 रनों की पारी भी काफी थी। अब हम अच्छी स्थिति मे है’।

रहाणे ने 2017 के बाद से टेस्ट मे शतक नहीं लगा पाये है। इस मैच से पूर्व दो सालों में उनका औसत सिर्फ 24.26 रहा, हालांकि वेस्टइंडीज के खिलाफ उनका रिकॉर्ड अब तक अच्छा रहा है। वेस्टइंडीज के खिलाफ रहाणे ने 7 पारियों में 3 अर्धशतक और एक शतक लगाया है। एंटीगा में भी रहाणे ने मुश्किल हालात में अच्छा प्रदर्शन कर टीम को सम्मानजनक स्कोर दिया है।

अजिंक्य रहाणे ने 2017 में आखिरी टेस्ट शतक लगाया था। जिस समय टीम इंडिया वर्ल्ड कप खेल रही थी उस वक्त रहाणे इंग्लिश काउंटी में हैंपशायर के लिए क्रिकेट खेल रहे थे। रहाणे ने कहा, ‘काउंटी के लिए खेलना महत्वपूर्ण होता है। जब मेरा चयन विश्व कप की टीम के लिए नहीं हुआ, तब मैंने काउंटी के लिए खेलने का फैसला किया, मैं उन दो महीनों को इस्तेमाल करना चाहता था और इस दौरान मैंने सात काउंटी मैच खेले। मैं अपनी बल्लेबाजी पर कुछ काम करना चाहता था।’ पर रहाणे का बल्ला काउंटी में भी खामोश रहा था।

दरअसल काउंटी क्रिकेट में ड्यूक गेंद का इस्तेमाल होता है और वेस्टइंडीज में भी इस गेंद से टेस्ट सीरीज खेली जा रही है। ये गेंद कूकाबूरा गेंद से ज्यादा स्विंग होती है इसीलिए वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाजों ने शुरुआती 8 ओवर में भारत के तीन विकेट चटका दिए, लेकिन रहाणे को इस गेंद से खेलने का बहुत अनुभव था और उन्हें भारतीय पारी को संभाला। रहाणे ने केएल राहुल के साथ चौथे विकेट के लिए 68 और फिर हनुमा विहारी के साथ पांचवें विकेट के लिए 82 रनों की अहम साझेदारी बना कर टीम को संभाला।