98 साल के हत्यारे ने करवाई थी 3300 लोगों की हत्या! अब मिलेगी सजा.

कहते है अपने कर्मो की सजा को कभी न कभी भुगतना ही पड़ता है. आज यह कहावत 98 साल के जर्मनी के एक बुजुर्ग पर सटीक बैठती है. आरोपी ने 1943 और 1945 के बीच साक्सेनहाउज़ेन कैंप में एक गार्ड के रूप में कार्य किया था. उसकी गलती यंहा गार्ड की नौकरी करना नहीं बल्कि इस कैंप के गलत उद्देश्यों में सहायता प्रदान करना था. यह घटना है 1943 और 1945 के नाजी कैंप की, जंहा आरोपी ने 3300 यहूदियों की हत्या में पूरा सहयोग किया था.

98 साल के हत्यारे ने करवाई थी 3300 लोगों की हत्या! अब मिलेगी सजा.


आरोपी पर केस चलाने के लिए उसकी मानसिक स्थिति की जांच की गई, जिसमे वह फिट पाया गया. यह मामला हनाउ में स्थित स्टेट कोर्ट में दायर है. अगर उस पर केस चलता है तो किशोर कानून के तहत केस चलेगा. आरोपी का शरीर कमजोर है, कड़ी सजा झेलने लायक नहीं है. साइकियाट्रिक विशेषज्ञ की रिपोर्ट के अनुसार आरोपी का शरीर बहुत ही कमजोर है. उसका शरीर कड़ी सजा झेलने लायक नहीं है.


यह जर्मनी का एक बेहतरीन कार्य में से एक है. चाहे अपराधी की उम्र कोई भी हो. उसको उसके क्रूर हत्यायों की सजा मिलनी ही चाहिए. इससे समाज में भी गलत राह में न चलने का संदेश जाएगा.