सराकोद्धारक श्री १०८ ज्ञान सागर जी महाराज – जीवन परिचय

ये संत कोई ओर नहीं इस युग के श्रेष्ठ आचार्यो में से एक है। जिनमें भगवान महावीर का प्रतिबिम्ब झलकता है । जिनका वर्णन शब्दों में कर पाना बेहद कठिन ही नही, नामुमकिन है । जिनके व्यक्तित्व को कवि की कविता, चित्रकार के चित्र ,वक्ता के शब्द ,लेखक की कलम भी व्यक्त नहीं कर सकती ।

जिनका व्यक्तित्व हिमालय से ऊँचा है और सागर से भी गहरा है ऐसे विराट ह्रदय में समाने वाले आचार्य श्री 108 ज्ञानसागर जी महाराज का जीवन परिचय देना सूरज को दीपक दिखाने के समान है फिर भी हम अज्ञानीजन आचार्य श्री की गौरव गाथा को संक्षेप में प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहे है ।

आइए जानते हैं विराट व्यक्तित्व की कुछ विशेषताएं ।

जन्म   बैशाख शुक्ल द्वितीय वि सं. 1 मई 1957

जन्म स्थान     मुरैना (मध्यप्रदेश)

जन्म नाम      श्री उमेश कुमार जी जैन

पिता का नाम   श्री शांतिलाल जी जैन

माता का नाम   श्री अशर्फी देवी जैन

ब्रह्मचर्य व्रत    सं. 2034, सन् 1974

क्षुल्लक दीक्षा    सोनागिर जी 5-11-1976

क्षु. दीक्षोपरांत नाम      क्षु श्री गुणसागर जी

क्षुल्लक दीक्षा गुरू आचार्य श्री सुमतिसागर जी महाराज

मुनि दीक्षा      सोनागिर जी महावीर जयन्ती 31-03-1988

मुनि दीक्षोपरांत नाम     मुनि श्री ज्ञानसागर जी

दीक्षा गुरु       आचार्य श्री सुमतिसागर जी महाराज

उपाध्याय पद    सरधना 30-11-1989,जिला मेरठ (उ. प्र.)

आचार्य पद     बडागांव,​बागपत मई 2013 (उ. प्र.)