केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की ड्यूटी में लगे ड्राइवर की मौत, परिजनों का गंभीर आरोप

हार्ट अटैक के बावजूद परिजनों ने लगाए हत्या के आरोप

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (फाइल फोटो-PTI)

नई दिल्ली। हाल ही में मोदी कैबिनेट विस्तार में जगह लेने वाले व कुछ दिनों से चर्चा में रहने वाले केंद्रीय सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्दम मंत्री नारायण राणे एक बार फिर चर्चा का केंद्र बन चुके है। दरअसल नारायण राणे की ड्यूटी में लगे ड्राइवर अशोक कुमार की हार्ट अटैक से मौत हो गई. मंत्री के ड्राइवर अशोक की पत्नी ने हत्या का आरोप लगाया है. पत्नी का कहना है कि उनके पति मेडिकल लीव पर थे, तब भी उन्हें जानबूझकर बुलाया गया और न आने पर सस्पेंड करने की धमकी दी गई थी.

ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक

यूपी की राजधानी लखनऊ में संपत्ति विभाग के ड्राइवर की ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से मौत के बाद परिजनों ने विभाग पर लापरवाही के आरोप लगाए. आरोप है की मेडिकल छुट्टी लेने के बावजूद मंत्री नारायण राणे के साथ ड्यूटी पर लगाया गया. परिजनों ने विभाग के अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज की है, जिसके बाद पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है. जानकारी के मुताबिक, अशोक कुमार वर्मा राज्य संपत्ति विभाग में ड्राइवर के पद पर तैनात थे. जब केंद्रीय मंत्री नारायण राणे लखनऊ आए तो अशोक कुमार की ड्यूटी भी लगा दी गई. ड्यूटी के दौरान ही अशोक को हार्ट अटैक आया, जिसके बाद अधिकारी की गाड़ी से उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी मौत हो गई.

मेडिकल छुट्टी के बावजूद तैनाती

परिजनों का कहना है कि अशोक की तबीयत खराब थी, जिस कारण वो मेडिकल लीव पर थे, लेकिन जब नारायण राणे आए तो मेडिकल छुट्टी के बावजूद अशोक को जबरदस्ती बुलाया गया. परिजनों ने संपत्ति विभाग के मोटर इंचार्ज अमरीश श्रीवास्तव पर आरोप लगाया है कि वो अशोक की बीमारी के बारे में जानते भी थे, उसके बावजूद उन्होंने फोन कर जबरदस्ती बुलाया और न आने पर सस्पेंड करने की धमकी की. जिस कारण अशोक को मजबूरन ड्यूटी करने जाना पड़ा.

परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप

वहीं, हज़रतगंज के एसीपी राघवेंद्र मिश्र ने बताया कि अशोक कुमार वर्मा की हार्ट अटैक से मौत हुई है. परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया है और तहरीर दी है. मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. जो भी कारण होंगे उसके हिसाब से आगे कार्रवाई की जाएगी. अशोक लखनऊ के निशातगंज में पेपर मिल कॉलोनी में अपने परिवार के साथ रहते थे. उनकी 4 बेटियां थीं.

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