काबुल एयरपोर्ट पर पानी की बोतल की कीमत आसमान से भी ऊपर, भारतीय रूपए के अनुसार 3 हज़ार पार

नर्ई दिल्ली। तालिबान द्वारा पीछा किए गए अफगानी, देश छोड़ने की उम्मीद में काबुल हवाई अड्डे पर पहुंचे, लेकिन यहां उन्हें एक नई समस्या का सामना करना पड़ा था। खान पान के दाम बहुत ज्यादा थे जो आम नागरिक वहन नहीं कर सकता हैं। इतना ही नहीं, मौजूद तालिबानी ने लोगों की पिटाई भी की।“ काबुल हवाईअड्डे पर पहुंचने वाले लोग भूखे-प्यासे थे। तालिबानो के आतंकी हमलों से बचने के लिए अफगानिस्तान से बाहर निकलने की आस में हैं। हवाईअड्डे के बाहर खाने-पीने की चीजें काफी ऊंचे दामों पर बिक रही हैं। इतना ही नहीं, बलकी अफगान मुद्रा के बदले अमेरिकी डॉलर मांग रहैं हैं। हालांकि, अमेरिकी और ब्रिटिश सैना अफगानीयों की मदद कर रही हैं, लेकिन सभी के लिए भोजन और पानी मिलना मुश्किल है। काबुल हवाई अड्डे के बाहर, पानी की एक बोतल 40 अमेरिकी डॉलर या लगभग 3,000 रुपये में बिक रहीं हैं। वहीं एक कटोरी चावल की कीमत बढ़कर 100 अमेरिकी डॉलर हो गई है, जो भारतीय मुद्रा में लगभग 7,500 रुपये है। सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि दुकानदार अफगान मुद्रा के बजाय यू.एस. डॉलर में भुगतान की माँग कर रहे हैं।

लोगों की मदद में सैनिक

काबुल हवाईअड्डे पर सैकड़ों लोग अफगानिस्तान से निकलने का इंतजार कर रहे हैं। अब इन लोगों की भूखे-प्यासे रहने की वजह से मरने की नोबत आ गई हैं। वे बिना कुछ खाए-पिए धूप में खड़े होने के लिए मजबूर हो गए हैं और इस कारण से वह बहोश हो रहें हैं। इसके बावजूद तालिबान ने उनकी मदद करने के बजाय उनसे मार पीट की । इस मुश्किल घड़ी में अमेरिकी और ब्रिटिश सैनिक, अफगीयों की मदद कर रहे हैं। निवासियों को पानी और भोजन उपलब्ध कराने के लिए सैनिक हवाई अड्डे के पास अस्थायी घर बना रहे हैं। इसके अलावा सैनिकों को अफगानिस्तानी बच्चों को आलू के चिप्स बांटते भी देखा जा रहा हैं।

कुछ ही दिनों में काम कैसे पूरा होगा?

समझा जाता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने पिछले 10 दिनों में अफगानिस्तान से 70,700 लोगों को निकाला है। इसके बावजूद अभी भी बड़ी संख्या में अफगानी काबुल हवाईअड्डे पर फंसे हुए हैं। कहा जाता है कि 250,000 अफगान तालिबान के खतरे के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील हैं, जिनमें से केवल 60,000 तालिबान के नियंत्रण से बच सकते हैं। तालिबान ने 31 अगस्त से पहले काबुल से विदेशी सैनिकों को वापस बुलाने का आदेश दिया है। ऐसे में कुछ ही दिनों में करीब 200,000 लोगों को वहां से निकालना मुश्किल है।

तालिबानीयो ने लोगों को एयरपोर्ट तक पहुंचने से रोका

हालांकि एयरपोर्ट पर अमेरिकी और ब्रिटिश सैनिक थे, लेकिन तालिबानीयों ने उन्हें बाहर से घेर लिया। तालिबान लड़ाके भी हवाईअड्डे की ओर भेज रहे हैं। ये लोगों को एयरपोर्ट तक पहुंचने से रोकते और आने वालों को भी धमकाने के लिए है। आतंकवादी लोगों को यह भी बोलते हैं, कि वे संयुक्त राज्य अमेरिका से मदद स्वीकार कर समुदाय को बदनाम क्यों करना चाहते हैं? आपको बता दें कि अफगानिस्तान पर कब्जे के साथ ही तालिबान में अत्याचारों की खबरें आए दिन सामने आ रही हैं। खासतौर पर महिलाओं और बच्चों को तालिबान द्वारा लगातार परेशान किया जा रहा है।

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