#वाशिंगटन। ट्रंप प्रशासन ने बड़ा बदलाव करते हुए अपने मित्र देशों को ड्रोनों को निर्यात करने के मानकों में शुक्रवार को ढील दी ।
नयी नीति के तहत प्रति घंटे 800 किलोमीटर से कम गति से उड़ने वाले ड्रोन अब मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था के अधीन नहीं रहेंगे ।
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अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैली मेकनैनी ने एक बयान में कहा, ‘‘इस कदम से अपने साझेदारों की क्षमताओं में सुधार कर अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा बढ़ेगी और अमेरिकी उद्योग के लिए ड्रोन बाजार का विस्तार करके आर्थिक सुरक्षा में वृद्धि होगी। ’’
राजनीति सैन्य मामलों के सहायक विदेश मंत्री क्लार्क कूपर ने पत्रकारों से कहा, ‘‘इससे हमारे सहयोगियों को मदद मिलेगी।
इससे उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा और वाणिज्य संबंधी अपनी तत्काल जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी तथा साथ ही अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी और आर्थिक हित पूरे होंगे।’’
उन्होंने कहा कि क्रूज मिसाइलें, हाइपरसोनिक वायु यान और उन्नत मानवरहित लड़ाकू विमान जैसी उच्च गति वाली प्रणालियां इस बदलाव से प्रभावित नहीं होंगी।
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ट्रंप प्रशासन की प्राथमिकता
अमेरिका अब भी एमटीसीआर का प्रतिबद्ध सदस्य है और इसे उत्तर कोरिया एवं ईरान जैसे देशों को उच्च मिसाइल प्रौद्योगिकियाँ न देने के हथकंडे के तौर पर महत्वपूर्ण मानता है।
कूपर ने कहा- कि व्यापक पैमाने पर तबाही मचाने वाले हथियारों के इस्तेमाल और प्रसार को रोकना ट्रंप प्रशासन की प्राथमिकता है।
अभी तक केवल तीन देशों इंग्लैंड, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया को अमेरिकी निर्माताओं से बड़े, सशस्त्र ड्रोन खरीदने की अनुमति दी गई है ।