सीएमआईई की रिपोर्ट में यह दावा
नई दिल्ली। हर दिन रोजगार देने में नए कीर्तिमान स्थापित करने के लिए मशहूर भारत की सरकार ने एक बार फिर बेरोज़गारी को एक प्रतिष्ठित सम्मान दिया और ऐसा कहा है हाल ही में आई सीएमआईई की रिपोर्ट ने। जिसने दावा किया है कि समीक्षाधीन अवधि में शहरी बोरोजगारी बढ़कर 8.1 फीसदी पहुंच गई है। जबकि 18 जुलाई को खत्म हफ्ते में यह 7.94 फीसदी थी।
सिर्फ शहरी रोज़गार दर ही नहीं धँसा
शहरी बेरोज़गार दर के साथ साथ ग्रामीण बेरोजगारी दर भी बढ़कर 6.75 फीसदी पर पहुंच गई जो इससे पिछले हफ्ते 5.1 फीसदी थी। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि मासिक आधार पर बेरोजगारी दर में गिरावट आई जो राहत की बात है। जून में बेरोजगारी दर घटकर 10 फीसदी से नीचे पहुंच गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जून में दूसरी लहर के बाद आर्थिक गतिविधियों के रफ्तार पकड़ने से बेरोजगारी दर कम रही है।
पुरूषों ने खोई अधिक नौकरियां
हालांकि इससे पहले भी पिछले हफ्ते सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन ईकोनॉमी (सीएमआईई) ने यह बताया था कि कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान शहरी पुरुषों ने महिलाओं की तुलना में अधिक नौकरियां खोईं। इसी के साथ सीएमआईई के प्रबंध निदेशक और सीईओ महेश व्यास ने अपने विश्लेषण में कहा कि कोविड-19 की पहली लहर के कारण नौकरियों का सबसे अधिक नुकसान शहरी महिलाओं में हुआ था।