ब्लैकआउट मॉक ड्रिल से हर घर में पहुंचेगी आपदा प्रबंधन की सीख

बाराबंकी, 07 मई। आपदा प्रबंधन की तैयारी और समन्वय की स्थिति को परखने के उद्देश्य से आज शाम 9:00 बजे से 9:15 बजे तक ब्लैकआउट मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। इस अभ्यास की तैयारियों की समीक्षा हेतु कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय, मुख्य विकास अधिकारी

अन्ना सुदन व संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में ड्रिल की कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया गया और सभी अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।

ब्लैक आउट मॉक ड्रिल जनपद की नगर पालिका परिषद सहित सभी नगर पंचायतों में की जाएगी, जिसके साथ ही शाम 9:00 से 9:15 बजे जनपद के नगर निकायों सहित अन्य प्रमुख
स्थलों पर लाउडस्पीकर के माध्यम से एलान किया जाएगा कि ड्रिल प्रारंभ हो गई है। इसका उद्देश्य नागरिकों को सतर्क करना है कि वे तत्काल सभी प्रकार के विद्युत स्रोत—जैसे घर की लाइट, इनवर्टर, जनरेटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बंद कर दें, जिससे कि पूर्ण अंधकार सुनिश्चित हो सके और शत्रु के हवाई हमले की स्थिति में पहचान न की जा सके। इस दौरान आमजन को सड़क पर चलते समय अपने वाहन को तुरंत किनारे लगाकर बंद कर देना चाहिए तथा घर में रहते हुए सभी प्रकार की रोशनी बंद रखनी चाहिए।

ब्लैकआउट मॉक ड्रिल का उद्देश्य जनपद में आपदा प्रबंधन के विभिन्न घटकों के बीच समन्वय की समीक्षा करना है। यह ड्रिल एक नियोजित आपातकालीन अभ्यास है जिसमें सभी विभागों, जनपद स्तरीय अधिकारियों, ब्लॉक एवं नगर स्तर के अधिकारीगण, आपदा प्रबंधन इकाइयाँ, नेहरू युवा केंद्र, एनसीसी, पुलिस विभाग एवं अन्य एजेंसियाँ सक्रिय रूप से सम्मिलित होंगी।

शाम 5 बजे से पुलिस लाइन में होगा मॉक ड्रिल का पूर्वाभ्यास

शाम 5:00 से 5:30 बजे के बीच पुलिस लाईन में सभी विभागों की आपदा प्रबंधन से जुड़ी तैयारियों का पूर्वाभ्यास किया जाएगा। जिलाधिकारी ने सम्बंधित सभी विभागों के अधिकारियों को तैयारियों हेतु दिशा निर्देश प्रदान किए।

जिलाधिकारी ने जनपद वासियों से अपील करते हुए कहा है कि इस मॉक ड्रिल के दौरान पूर्ण सहयोग प्रदान करें और किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें। यह अभ्यास केवल सुरक्षा एवं आपदा से निपटने की तैयारियों की जांच हेतु किया जा रहा है, ना कि किसी वास्तविक संकट की स्थिति में।

क्या होती है ब्लैकआउट मॉक ड्रिल?

ब्लैकआउट मॉक ड्रिल एक ऐसा अभ्यास होता है जिसका उद्देश्य नागरिकों और प्रशासन दोनों की आपातकालीन परिस्थितियों, विशेष रूप से हवाई हमलों जैसी स्थितियों के लिए तैयारियों को परखना और सुधारना होता है। इस ड्रिल के दौरान बिजली की आपूर्ति को कुछ समय के लिए रोका जाता है ताकि वास्तविक हमले की स्थिति में नागरिकों को किस प्रकार से प्रतिक्रिया देनी है, इसका अभ्यास किया जा सके। यह अभ्यास यह सुनिश्चित करता है कि संपूर्ण जनपद के लोग, प्रशासनिक इकाइयाँ, आपदा प्रबंधन टीम, पुलिस, स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य विभाग मिलकर त्वरित, सुरक्षित और समन्वित कार्य कर सकें।

इस अवसर पर डीएफओ आकाश बधावन, प्रशिक्षु आईएसएस तेजस के., अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व), मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ अवधेश कुमार यादव, परियोजना निदेशक, तथा वर्चुअल माध्यम से जनपद के सभी एसडीएम, सीओ व बीडीओ सहित अन्य अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।