Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wp-statistics domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the updraftplus domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114
उन्नत देशों के अधिकांश लोग चीन को नकारात्मक रूप से देखते हैं- Amar Bharti Media Group राष्ट्रीय

उन्नत देशों के अधिकांश लोग चीन को नकारात्मक रूप से देखते हैं

नई दिल्ली. दुनिया के 14 सबसे आर्थिक रूप से उन्नत देशों के अधिकतर लोगों के बीच विशेष तौर पर कोरोनावायरस महामारी के प्रकोप के बाद से चीन के प्रति नकारात्मक धारणाएं तेजी से बढ़ी हैं। प्यू रिसर्च सेंटर के एक हालिया सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है।

यह सर्वे टेलीफोन के जरिए 14 देशों के 14,276 वयस्कों के बीच 10 जून से 3 अगस्त 2020 तक किया गया था। जिन 14 देशों में सर्वे किया गया, इनमें अमेरिका, कनाडा, बेल्जियम, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया शामिल हैं।

दुनिया के 14 देशों में किए गए इस सर्वेक्षण से यह बात सामने आई है कि अधिकांश लोगों का चीन के प्रति प्रतिकूल दृष्टिकोण है।

इसके अलावा, सर्वे किए गए नौ देशों स्पेन, जर्मनी, कनाडा, नीदरलैंड, अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, स्वीडन और ऑस्ट्रेलिया में पिछले 12 या उससे ज्यादा सालों में नकारात्मक विचार अपने सबसे उच्च स्तर पर है।

सर्वे के अनुसार ऑस्ट्रेलिया में 81 प्रतिशत लोगों का कहना है कि चीन के प्रति उनका दृष्टिकोण प्रतिकूल है। पिछले वर्ष की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक लोग ऐसा विचार रखते हैं। ऑस्ट्रेलिया में चीन के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण में सबसे अधिक वृद्धि हुई है। अन्य देशों में भी इसमें वृद्धि देखी गई है।

चीन के प्रति प्रतिकूल दृष्टिकोण रखने वाले लोगों में ब्रिटेन में 74 प्रतिशत, जोकि पिछले वर्ष की तुलना में 19 प्रतिशत ज्यादा है, जर्मनी में 71 प्रतिशत (15 प्रतिशत अधिक) और अमेरिका में 73 प्रतिशत (13 प्रतिशत वृद्धि) लोग हैं।

विदेशों में चीन की प्रतिष्ठा के संबंध में सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक कोरोनावायरस रहा है। यह वायरस पिछले साल के अंत में चीनी शहर वुहान में सामने आया था और इसके बाद पूरे विश्व में फैल गया।

चीन की इस वायरस की शुरू में जानकारी नहीं देने के लिए आलोचना की गई थी। सर्वे में पाया गया कि चीन ने कोरोना वायरस को कैसे नियंत्रित किया, इस संबंध में लोगों का नकारात्मक दृष्टिकोण था। इन 14 देशों में 61 प्रतिशत ने कहा कि चीन खराब तरीके से कोरोना वायरस से निपटा था, जबकि 84 प्रतिशत ने कहा कि अमेरिका ने महामारी को खराब तरीके से नियंत्रित किया है।

प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार, सर्वेक्षण में शामिल कई लोकतांत्रिक देशों ने इस साल की शुरूआत में नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के माध्यम से हांगकांग में चीन के हस्तक्षेत्र की आलोचना की थी। सर्वे में शामिल देशों के नागरिक चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर भरोसा नहीं करते हैं। सर्वे में 78 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें विश्व मामलों में सही काम करने का उन पर भरोसा नहीं है।

सर्वे में शामिल लोग अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बारे में भी अच्छी राय नहीं रखते हैं और 83 प्रतिशत लोगों का कहना है कि वे उन पर भरोसा नहीं करते। ट्रंप चीन के सबसे मुखर आलोचकों में से एक रहे हैं, जो कोरोना वायरस के लिए बीजिंग को दोषी ठहराते रहे हैं।