आर्थिक संकट से जूझ रही कांग्रेस, सांसदों को हर साल 50,00 हजार रुपए पार्टी खजाने में जमा करने अपील

नई दिल्ली। एक समय पर देश की सबसे ज्यादा ताकतवर पार्टी मानी जाने वाली कांग्रेस आज आर्थिक तंगी से गुजर रही है। पैसी की कमी होने के कारण पार्टी ने अपने सभी सांसदों को हर साल पार्टी को खजाने में 50 हजार रुपए जमा करने को कहा है। पार्टी के कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने पार्टी के खजाने को भरने के लिए कई बड़े कदम उठाने का फैसला किया है। इसमें कॉस्ट कटिंग भी शामिल है।

कांग्रेस को मिले चंदे में भारी गिरावट

बता दें कि चुनाव आयोग के पास दायर आंकड़ों के अनुसार, भाजपा ने 2019-20 में बेचे गए चुनावी बॉन्ड के तीन-चौथाई हिस्से पर कब्जा कर लिया। यहां तक कि मुख्य विपक्षी दल, कांग्रेस को कुल 3,435 रुपये के बॉन्ड का सिर्फ 9 प्रतिशत ही मिला। पिछले साल कांग्रेस पार्टी ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये 1450 करोड़ रुपये हासिल किए थे। दूसरी ओर, इसी अवधि में बीजेपी की प्रमुख सियासी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के कलेक्शन में 17% की गिरावट आई। वर्ष 2018-19 में कांग्रेस को इलेक्टोरल बांड्स से 383 करोड़ रुपये मिले थे लेकिन वर्ष 2019-20 में इसे 318 करोड़ रुपये-कुल इलेक्टोरल बांड्स का 9 फीसदी ही मिला।

खर्चे कम करने में जुटी कांग्रेस

कांग्रेस द्वारा जारी एक मेमो के मुताबिक, “एआईसीसी, सचिवों को 1,400 किमी तक उपयुक्त ट्रेन किराए की प्रतिपूर्ति की जाएगी। 1,400 किमी से अधिक की दूरी के लिए, सचिवों को सबसे कम हवाई किराया दिया जाएगा। हवाई किराया महीने में दो बार दिया जाएगा, अगर ट्रेन का किराया हवाई किराए से अधिक है, तो वे हवाई यात्रा कर सकते हैं।” इसमें यह भी कहा गया है, “कैंटीन, स्टेशनरी, बिजली, समाचार पत्र, ईंधन आदि पर खर्च एआईसीसी पदाधिकारियों द्वारा स्वयं कम से कम किया जाना चाहिए.”
पार्टी ने कहा कि सचिव और महासचिव के 12,000 रुपये और 15,000 रुपये के भत्तों में भी कटौती की जाएगी। कांग्रेस सांसदों से कहा गया है कि वे हर साल 50,000 रुपये का योगदान दें और पार्टी के दो समर्थकों से 4,000 रुपये प्रति वर्ष मांगें।

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