सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक रेल रोको का एलान
नई दिल्ली। बीती 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ी से कुचलने की हैवानियत घटना के बाद राजनीति से लेकर समाज, सभी जगह घटना की निंदा पहली प्रतिक्रिया रही है। जिसके बाद उस घटना से कई राज्यों में विरोध जन्मे। उनमें से एक है किसानों का रेल रोको आंदोलन। दरअसल लखीमपुर में किसानों पर गाड़ी चढ़ाने वाली घटना के मुख्य आरोपी व मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा भले ही पुलिस की हिरासत में हो। लेकिन किसानों के समर्थक और घटना के विरोधी अपना विरोध दर्ज करने सड़कों पर हैं। आपको बता दें कि लखीमपुर की घटना के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा के पिता व गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ की मोदी के कैबिनेट से बर्खास्तगी को लेकर किसानों ने यह रेल रोको आंदोलन रखा है। इस दौरान हरियाणा और पंजाब में कई किसान संगठन रेलवे ट्रैक पर उतर आए हैं।
मांगें पूरी नहीं होने तक जारी रहेगा आंदोलन
किसानों के रेल रोको आंदोलन को लेकर तमाम राज्यों में शासन-प्रशासन चौकन्ना है। तमाम पुलिस अफ़सर हालात पर नज़र बनाए हुए हैं। किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि लखीमपुर की घटना को लेकर जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती उनका आंदोलन जारी रहेगा। मोर्चा ने कहा है कि आंदोलन को शांतिपूर्ण रखा जाना चाहिए। इस दौरान हरियाणा और पंजाब में कई किसान संगठन रेलवे ट्रैक पर उतर आए हैं। लखनऊ में पुलिस ने धारा 144 लागू कर दी है। अमृतसर में किसान रेलवे ट्रैक पर बैठ गए हैं।
26 अक्टूबर को लखनऊ में रैली
आपको बता दें कि इस बीच, लखीमपुर की घटना में मारे गए किसानों की अंतिम अरदास के बाद बाद किसानों के शरीर की राख को उत्तर प्रदेश के सभी जिलों, पंजाब के गुरुद्वारों और देश के सभी राज्यों में ले जाया जा रहा है। इसके बाद 26 अक्टूबर को लखनऊ में मुज़फ्फरनगर की महापंचायत की तर्ज पर रैली की जाएगी।