कोविड गाइडलाइन्स का करें पालन, वरना रैलियों पर प्रतिबंध लगाने में संकोच नहीं: आयोग

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के नेताओं और स्टार प्रचारकों द्वारा बिना मास्क लगाये प्रचार करने के मामलों पर चेतावनी दी है कि, अगर उसके पिछले साल में जारी कोविड दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है, तो उसे रैलियों पर रोक लगाने में संकोच नहीं होगा।

आयोग बोला, नहीं माने निर्देश

सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के नेताओं को लिखे पत्र में आयोग ने कहा है कि, ‘व्यापक रूप से विदित है कि पिछले कुछ सप्ताहों में कोविड-19 के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। हालांकि, आयोग के संज्ञान में चुनावी सभाओं और प्रचार के ऐसे मामले आए हैं, जहां सामाजिक दूरी, मास्क पहनने जैसे नियमों का उल्लंघन किया गया और आयोग के दिशा-निर्देशों की अवज्ञा की गयी है।’

जनता को ख़तरे में डाल रहे नेता

आयोग के पत्र में स्टार प्रचारकों और राजनीतिक दलों के नेताओं या उम्मीदवारों के कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने के मामलों की ओर इशारा किया गया है। जिनमें, मंचों पर या प्रचार करते हुए खुद नेताओं द्वारा मास्क नहीं पहनना शामिल है। पत्र के अनुसार, ‘ऐसा करके राजनीतिक दल और उम्मीदवार खुद को और इन चुनावी सभाओं में शामिल हो रहे लोगों को भी संक्रमण के गंभीर खतरे में डाल रहे हैं।’

हाईकोर्ट ने मांगा जवाब


चुनाव आयोग ने कहा कि उल्लंघन के मामलों में वह अवज्ञा करने वाले उम्मीदवारों, स्टार प्रचारकों या राजनीतिक दलों के नेताओं की जनसभाओं, रैलियों पर आगे किसी अन्य सूचना के बिना पाबंदी लगाने में संकोच नहीं करेगा। दिल्ली उच्च न्यायालय ने चुनाव प्रचार करने के दौरान मास्क के उपयोग पर आयोग और केंद्र सरकार से जवाब मांगा।

यहां हो चुके चुनाव, यहां बाकी हैं

बता दें कि, असम में तीन चरणों में और तमिलनाडु, केरल तथा पुडुचेरी में एक चरण में मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है। वहीं पश्चिम बंगाल में आठ चरणों के मतदान की प्रक्रिया का चैथा चरण शनिवार को संपन्न होगा। आयोग ने कहा कि नियमों के पालन में बरती जा रही ढिलाई को उसने गंभीरता से लिया है, जिनमें खासकर मंच पर नेताओं द्वारा मास्क नहीं पहनना तथा सामाजिक दूरी कायम नहीं रखना शामिल है। आयोग ने सभी दलों से दिशा-निर्देशों का पूरी गंभीरता से पालन करने को कहा। दो पन्नों के पत्र में कहा गया कि, यह सलाह दी जाती है कि राजनीतिक नेता एवं उम्मीदवार जिनका कर्तव्य कोविड-19 को फैलने से रोकना है, वे मिसाल पेश करें।

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