जन्माष्टमी के अवसर पर सज गए बाजार, लोगों ने कान्हा का जन्मोत्सव मनाने की शुरु की तैयारियां

नई दिल्ली। जन्माष्टमी का त्योहार 30 अगस्त को हैं। लोगों ने कान्हा का जन्मोत्सव धूमधाम से  मनाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। बाजार सज गया है, हर तरफ रौनक छाई है। बाजारों में कान्हा के वस्त्र, आभूषण, झूले मिलने लगे है। हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण ने धरती पर जन्म लिया था। जन्माष्टमी पर घरों और मंदिरों में विशेष रूप से सजावट की जाती है। सभी प्रसिद्ध कृष्ण मंदिर और धाम में विशेष तरह के आयोजन होते हैं। कृष्ण भक्त इस दिन व्रत रखकर कान्हा की भक्ति में डूबे रहते हैं।

कान्हा को प्रिय है आभूषण

भगवान श्री कृष्ण को सिंगार बेहद पसंद है। इसलिए उनके जन्मदिवस पर लोग उनका खूब प्यार से सिंगार करते है। सिंगार में फूलों का भी प्रयोग किया जाता है, खास तौर पर उन्हें पीले रंग बहुत पसंद होते हैं। इसीलिए उन्हें पीले रंग के वस्त्र गोपी चंदन और चंदन की सौगंध से शृंगार किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि सिंगार में काले रंग का कुछ भी नहीं होना चाहिए। काले रंग का प्रयोग बहुत कम से कम मात्रा में की जाती है। वैसे तो आप श्री कृष्ण पर पीले रंग का फूल चढ़ा सकते हैं। लेकिन वैजयंती का फूल श्रीकृष्ण को अर्पित करना सर्वोत्तम होता है।

कैसे करें भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना

जन्माष्टमी के अवसर पर सुबह-सुबह स्नान कर वर्त पूजा का संकल्प ले। इसके साथ ही मध्य रात्रि को भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा को किसी पात्र में रखे। उस प्रतिमा को पहले दूध, दही, शहद व अंत में गंगा जल स्नान कराएं। इसी को पंचामृत स्नान भी कहा जाता हैं। इसके बाद जल से स्नान करें इस बात का खास ध्यान रखें कि अर्पित की गई चीजों को शंख में डालकर ही अर्पित की जानी चाहिए। बता दें कि पूजा करने वाले व्यक्ति को काले या सफेद रंग का वस्त्र धारण नहीं करना चाहिए। पूजा संपन्न होने के बाद अपनी मनोकामना के अनुसार मंत्र का जाप करें।