अमर सिंह के निधन पर भावुक हुए मुलायम- क्‍या कहा उन्होंने

अमर सिंह के निधन को उनके दोस्तों के लिए बड़ी त्रासदी बताते हुए मुलायम सिंह ने कहा कि वे कुशल राजनीतिज्ञ, रणनीतिकार और मिलनसार स्वभाग के व्यक्ति थे.

लखनऊ. समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने अपने अभिन्न मित्र अमर सिंह के निधन पर भावुक शोक संदेश लिखा है. मुलायम सिंह यादव ने एक पत्र जारी करते हुए लिखा, ”मैंने अपना एक महत्वपूर्ण शुभचिंतक, मित्र और अनुज खो दिया.” अमर सिंह समाजवादी पार्टी से राज्य सभा सांसद थे.

 

दोस्तों के लिए अमर सिंह का निधन त्रासदी

अमर सिंह के निधन को बड़ी त्रासदी बताते हुए मुलायम ने अपने शोक संदेश में लिखा, ”वह कुशल राजनीतिज्ञ, रणनीतिकार और बेहद मिलनसार स्वभाव के व्यक्ति थे. उन्हें हमेशा अमूल्य सहयोगी और शानदार इंसान के रूप में याद रखा जाएगा. बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी अमर सिंह अंतिम सांस तक जीवन के विभिन्न आयामों में योद्धा की तरह लड़ते रहे. वह अपने मित्रों के लिए संकटमोचक सिद्ध होते थे. ईश्वर उनके परिजनों को यह दु:ख सहने की शक्ति दे.”

 

बेहद करीबी थे मुलायम और अमर सिंह

अमर सिंह और मुलायम सिंह की दोस्ती की शुरुआत 24 वर्ष पहले हुई थी. उस वक्त मुलायम देश के रक्षामंत्री हुआ करते थे. बताया जाता है कि साल 1996 में पहली बार अमर सिंह और मुलायम सिंह की मुलाकात फ्लाइट में हुई थी. इसके बाद दोनों की दोस्ती इस कदर परवान चढ़ी कि अमर सिंह, मुलायम के सबसे करीबी, खास और विश्वासपात्र मित्र बन गए.  मुलायम सिंह यादव ने अमर सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया.

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राजनीतिक जानकार बताते हैं कि साल 2000 के आसपास अमर सिंह समाजवादी पार्टी में मुलायम के बाद सबसे ताकतवर नेता बन गए थे. टिकटों के बंटवारे से लेकर पार्टी के कई बड़े फैसलों की रायशुमारी मुलायम सिंह उन्हीं के साथ करते थे. 2010 आते आते मुलायम परिवार और अमर सिंह के बीच तकरार काफी बढ़ गई. वह धीरे धीरे समाजवादी पार्टी से दूर होते चले गए. साल 2010 में ही अमर सिंह को समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. उन्होंने पू्र्वांचल को अलग राज्य घोषित करने की मांग के साथ राष्ट्रीय लोकमंच पार्टी का गठन किया.

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नई पार्टी बनाने के बाद अमर सिंह ने कई उतार चढ़ाव देखे, लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया जब अमर सिंह पर मुलायम परिवार को तोड़ने के आरोप लगे. अखिलेश यादव ने कई बार अमर सिंह को बाहरी व्यक्ति बताकर उनकी आलोचनाएं की. हालांकि, मुलायम सिंह यादव ने व्यक्तिगत रूप से कभी अमर सिंह की आलोचना नहीं की, ना ही उनके लिए कभी अपने दिल में तल्खी रखी. साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले शिवपाल को लेकर अखिलेश यादव और मुलायम सिंह के बीच तकरार बढ़ी, तब अमर सिंह को इसके लिए दोषी ठहराया गया. हालांकि, मुलायम सिंह यादव ने तब भी अमर सिंह का बचाव किया था.