मुख्यमंत्री ने नहरों पर निर्मित 25,050 पुल-पुलियों के जीर्णोद्धार पुनर्निर्माण महाअभियान का किया शुभारम्भ, बोले

मिशन मोड़ पर 100 दिन के भीतर पूरा करें कार्य

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आम जनमानस के जीवन को सरल और सहज बनाने के लिए सिंचाई विभाग द्वारा मिशन मोड में कार्य करते हुए 100 दिन के अन्दर सभी 25,050 पुल तथा पुलियों के जीर्णोद्धार एवं पुनर्निर्माण कार्य को मानक गुणवत्ता के अनुरूप पूर्ण किया जाए।

मुख्यमंत्री रविवार को अपने सरकारी आवास पर जल शक्ति विभाग के अन्तर्गत सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की नहरों पर निर्मित 25,050 पुल-पुलियों के जीर्णोद्धार एवं पुनर्निर्माण महाअभियान का शुभारम्भ करते हुए यह निर्देश दिए।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि अगले चरण में सिंचाई विभाग द्वारा आवश्यकता व उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए नहर की पटरियों को चिन्हित कर आवागमन के लिए तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नहरों पर लगभग 70,000 पुल-पुलिया निर्मित हैं।

इनमें से 21,542 पुल-पुलियों की जीर्णोद्धार तथा 3,508 पुल-पुलियों का पुनर्निर्माण किया जायेगा। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि आने वाले बजट में भी पुल-पुलिया के निर्माण के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी।

सीएम योगी ने आगे कहा कि प्रदेश का कृषि योग्य क्षेत्रफल 188 लाख हेक्टेयर है। 120 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचन क्षमता का सृजन किया गया है। राज्य में नहरों की लम्बाई 74,659 किमी, नलकूपों की संख्या 34,401 तथा पम्प नहरों की संख्या 278 है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में मुख्य नहर प्रणालियां 100 वर्षा से भी अधिक पुरानी हैं। पूर्वी यमुना नहर प्रणाली लगभग 190 वर्ष, ऊपरी गंगा नहर प्रणाली 166 वर्ष, निचली गंगा नहर प्रणाली 142 वर्ष, बेतवा व केन नहर प्रणाली 135 वर्ष, धसान नहर प्रणाली 113 वर्ष एवं शारदा नहर प्रणाली 92 वर्ष पुरानी है।

इन पर पुरानी तकनीकों व आवश्यकताओं के अनुसार पुल व पुलिया बनाये गये थे।

विगत वर्षो में वाहनों की बढ़ती संख्या एवं भार के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा आमजन व किसानों के हित में नहरों पर निर्मित पुल व पुलिया के जीर्णोद्धार व पुनर्निर्माण कराया जा रहा है।