भारतीय हॉकी टीम सेमीफाइनल में हारी, अब कांस्य पर निगाहें

भारत को 5-2 से हरा कर बेल्जियम फाइनल्स में

नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक्स 2020 में 1972 के बाद 49 साल के लंबे इंतेज़ार के बाद सेमीफाइनल खेल रही भारतीय हॉकी पुरूष टीम गोल्ड-सिल्वर रेस से बाहर हो गई। पहले क्वार्टर में ही 2 गोल दागने वाली भारतीय हॉकी टीम शानदार वापसी कर बढ़त बनाने के बाद भी 5-2 से हार गई। दरअसल भारत के लिए दो गोल करने वाले हरमनप्रीत सिंह और मंदीप सिंह के शानदार प्रदर्शन के बाद भी मुकाबला विरोधी टीम बेल्जियम के पक्ष में ही रहा।

हेंड्रिक्स ने तोड़ा गोल्ड का सपना

पहले क्वार्टर में 1-2 से आगे चल रही भारतीय टीम को दूसरे क्वार्टर में पेनाल्टी कॉर्नर से गोल मारते हुए एलेक्स हेंड्रिक्स ने बराबरी पर ला दिया। जिसके बाद शायद हेंड्रिक्स को गोल मारने की आदत लग गई और चौथे क्वार्टर में दो और गोल मार कर (जिसमें से एक पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील किया था) हैट्रिक पूरी करने वाले एलेक्स हेंड्रिक्स ने स्कोर को 4-2 पर ला खड़ा किया। जिसने लगभग भारत से मैच छीन लिया था।

पेनाल्टी कॉर्नर का नुकसान उठाना पड़ा

भारत को इस मैच में 14 पेनल्टी कॉर्नर देने का नुकसान उठाना पड़ा। हालांकि भारतीय टीम ने इतने पेनल्टी कॉर्नर देकर भी बढ़िया बचाव किया और बेल्जियम को 14 में से तीन मौकों को ही गोल में बदलने दिया।

गोल्ड-सिल्वर की रेस से बाहर

भारतीय हॉकी टीम भले ही गोल्ड और सिल्वर से बाहर हो गई है। लेकिन अब भी भारतीय हॉकी टीम का कांस्य पदक के लिए मैच बचा है। भारत के सामने विरोधी टीम कौन होगी, इसका फैसला मंगलवार को होने ऑस्ट्रेलिय और जर्मनी के बीच होने वाले मैच में पता लगेगा। जिसमें जीतने वाली टीम बेल्जियम से फाइनल में भिड़ेगी और हारने वाली टीम का मुकाबला भारत से कांस्य पदक के लिए 5 अगस्त को होगा। यह भारतीय हॉकी टीम के लिए सुनहरा मौका होगा। क्योंकि साल 1980 के बाद से एक भी मेडल नहीं जीतने वाली भारतीय टीम इस बार ग्रुप स्टेज में लगातार चार मुकाबले जीत कर अपना प्रदर्शन दिखा चुकी हैं और कांस्य पदक जीतने के लिए निगाहें पदक से इधर नहीं हैं।

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